सिख समाज के लोगों से पीएम मोदी की मुलाकात, सिख प्रतिनिधिमंडल ने मोदी का जताया आभार

punjabkesari.in Friday, Feb 18, 2022 - 10:47 PM (IST)

नई दिल्लीः तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह की अगुवाई में सिखों के 38 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की और दुनिया भर में सिख समुदाय के लिए किए गए सराहनीय कार्यों के लिए उनका आभार जताया। प्रतिनिधिमंडल के प्रत्येक सदस्य ने प्रधानमंत्री को सिरोपा और सिरी साहिब से सम्मानित भी किया। 
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प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि देश के कई क्षेत्रों में लोग चार साहिबजादों के योगदान और बलिदान के बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने चार साहिबजादों को याद करते हुए कहा कि जब भी उन्हें स्कूलों में और बच्चों के सामने कुछ कहने का मौका मिलता था तो वह हमेशा चार साहिबजादों के बारे में बोलते थे। मोदी ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय देश के कोने-कोने में बच्चों को साहिबजादों के बारे में जागरुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 
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मोदी ने सिख समुदाय के नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि उनके घर के दरवाजे सिख नेताओं लिए हमेशा खुले हैं। इस दौरान उन्होंने पंजाब में अपने प्रवास के दौरान सिखों के साथ बिताए समय को याद किया। प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुनिया को इसके बारे में और अधिक अवगत कराने की जरूरत है। उनकी सरकार सिख समुदाय के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अफगानिस्तान से श्री गुरु ग्रंथ साहिब को पूरे सम्मान के साथ वापस लाने के लिए किए गए विशेष प्रबंधों के बारे में भी चर्चा की। मोदी ने सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने के लिए सरकार द्वारा राजनयिक स्तर पर उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह सिख समुदाय के कल्याण के लिए किए गए सराहनीय कार्यों के लिए मोदी सरकार की सराहना करते हैं। उनकी सरकार द्वारा विशेष रूप से 1984 के सिख पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एसआईटी (विशेष जांच दली) का गठन किया गया। यह उनके प्रयासों के कारण ही संभव हुआ कि सज्जन कुमार आज जेल में हैं और कई कांग्रेस नेताओं पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा हैं। 

कालका ने इस दौरान प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने सिख समुदाय की ओर से दिल्ली में एक सिख विश्वविद्यालय, गुरुद्वारा बाला साहिब में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज, दिल्ली में 1947 का विभाजन स्मारक और बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक बनाने की मांग की। भाजपा नेता एवं डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष भी प्रतिनिधिमंडल में मौजूद रहे और मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा चार साहिबजादों की शहादत की यादगार में 26 नवंबर को वीर बाल दिवस घोषित करने के लिए उनका धन्यवाद किया। 

सिरसा ने कहा कि आजादी को 70 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसी ने भी इसकी परवाह नहीं की थी। केवल एक ही परिवार अपने सदस्यों के नाम पर सभी आयोजन कर रहा था। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार है। प्रतिनिधिमंडल में डीएसजीएमसी के महासचिव जगदीप सिंह काहलों,पद्म श्री बाबा बलबीर सिंह जी सिचेवाल (सुल्तानपुर लोधी), महंत करमजीत सिंह, अध्यक्ष सेवापंथी, यमुना नगर बाबा जोगा सिंह, डेरा बाबा जंग सिंह (नानकसर) और अन्य कई लोग शामिल थे। 

 


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Content Writer

Pardeep

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