चीन विवाद के बीच PM मोदी के Make in India ने रक्षा क्षेत्र को बनाया आत्मनिर्भर

punjabkesari.in Sunday, Jun 20, 2021 - 01:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन के साथ पिछले 13 महीनों से भारत का LAC को लेकर विवाद चल रहा है लेकिन इतने महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (Make in India) अभियान को काफी बढ़ावा मिला है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत ने कई बड़ा फैसले लिए हैं। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 108 प्रोडक्ट्स को विदेशों से इम्पोर्ट करने पर रोक लगा दी है। इन प्रोडक्ट्स में साधारण पार्ट्स के अलावा हाईटेक्निक वेपन सिस्टम भी शामिल है।

 

इन सभी प्रोडक्ट्स का मेक इन इंडिया के तहत निर्माण किया जाएगा। भारत अब प्रोडक्ट्स पर विदेशी निर्भरता को कम करने के साथ एक्सपोर्ट के लिए खुद को तैयार कर रहा है। इसी दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय ने ​​​108 वस्तुओं ​का विदेशों से आयात करने पर रोक लगा दी है।​ ​​​केंद्रीय रक्षा मंत्री ​​राजनाथ सिंह ने​ ​​​सैन्य मामलों के विभाग​ (एमडीए)​ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।​​ ​अब सूची में दर्ज सभी 108 प्रोडक्ट्स की खरीद स्वदेशी स्रोतों से ​ही ​की जाएगी​​। 

 

101 सामानों के इम्पोर्ट पर लगाई थी रोक
पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत पिछले साल अगस्त में रक्षा मंत्रालय ने 101 प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट पर रोक लगाई थी। अब एक दूसरी सूची जारी की गई है जिसमें सामान्य पार्ट्स समेत कई हथियार प्रणालियों के आयात पर बैन लगा दिया गया है। ​​इस ​​दूसरी सूची को ​दिसंबर,​ 2021 से ​दिसंबर​,​ ​2025 तक ​पूरी तरह लागू करने की योजना है​​।​ दूसरी सूची में सेंसर, सिम्युलेटर, हथियार और गोला-बारूद, हेलीकॉप्टर, नेक्स्ट जनरेशन के कार्वेट, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, टैंक इंजन, पहाड़ों के लिए मध्यम शक्ति रडार, एमआरएसएएम हथियार प्रणाली समेत ​108 आइटम शामिल ​किए गए ​हैं​।​ पहली सूची में कई बड़े हथियार जैसे ऑर्टलरी गन, रायफल, फाइटर वाहन, कम्यूनिकेशन इक्यूपमेंट, रडार, बुलेट फ्रूफ जैकेट, माल वाहन, पनडुब्बी और भी बहुत कुछ शामिल थे, जो अब भारत में बन रहे हैं।

 

नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने कहा कि चीन के साथ विवाद के बाद भारत ने काफी हद तक खुद को सक्षम बना लिया है। भारत-चीन के बीच भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों में सामान्यीकरण की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि पिछले साल से ही लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। इतना ही नहीं भारत में भी चीन प्रोडक्ट्स के बैन के बाद भारतीय व्यापारियों का बाजार काफी फैला है। भारतीय ठेकेदारों ने भी पिछले महीने घोषणा की थी कि वह ब्रिटिश एयरोस्पेस इंजन निर्माता रोल्स-रॉयस के साथ साझेदारी करेगा। विमान के निर्माण में लगभग 500 भारतीय व्यवसायों के भाग लेने की उम्मीद है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News