राज्यसभा में PM मोदी बोले-भारत का राष्ट्रवाद सत्यम-शिवम-सुंदरम से प्रेरित, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन
punjabkesari.in Monday, Feb 08, 2021 - 12:39 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है। पीएम मोदी ने कहा कि इन चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति का अभिभाषण आत्मविश्वास वाला रहा। पीएम मोदी ने कहा कि अच्छा होता अगर उस दिन सभी सदस्य सदन में मौजूद होते। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चे अर्थों में भारत की अवसरों की भूमि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सभी का भारत पर विश्वास बढ़ रहा है। पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हैं क्योंकि उनको भी हमसे अपेक्षाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भारत को लेकर सबके मन में आशंकाएं थीं लेकिन जिस ताकत से सबने मिलकर यह लड़ाई लड़ी उसे पूरी दुनिया ने देखा। कोरोना कारल में भारत ने आत्मनिर्भर का नारा दिया औऱ देशवासी उस अनजाने दुश्मन से पूरे जी-जान से लड़े।
भारत की ओर देख रही दुनिया
पीएम मोदी ने कहा कि जो भारत पर आशंका कर रहे थे अब भारत पर आश लगाए बैठे हैं कि उनको कोरोना वैक्सीन मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया के कई देश कोरोना वैक्सीन के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं। कई देशों को भारत ने वैक्सीन की मदद भेजी भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन बनाई है और अन्य दवाओं पर भी काम चल रहा है। राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में बड़ी तेजी स टीकाकरण अभियान शुरू हुआ।
BJP ने अपने सांसदों को जारी किया थ्री-लाइन व्हिप
भाजपा ने 5 फरवरी को राज्यसभा में अपने सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया था। भाजपा ने व्हिप जारी करते हुए अपने सभी सांसदों से 8 फरवरी से 12 फरवरी के बीच सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और सोमवार को सदन में उपस्थिति रहने के लिए कहा है। ऐसे में आज सदन की कार्रवाई हंगामेदार रहने वाली है। सूत्रो के मुताबिक पीएम मोदी के भा।ण के दौरान कुछ विपक्षी नेता सदन से वॉकआउट भी कर सकते हैं। बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बाद से पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है और खुलकर किसानों के समर्थन में आ गया है।