लॉकडाउनः PM मोदी ने संस्कृत में कहा- ''वयं राष्ट्रे जागृयामः, जानिए क्या है इसके पीछे का संदेश

punjabkesari.in Tuesday, Apr 14, 2020 - 01:41 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक बार फिर से कोरोना वायरस की गंभीरता के बारे में बताया और कहा कि देशहित के लिए अभी लॉकडाउन जरूरी है। पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना को जीतने नहीं देना है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे आसपास के लोग भी सुरक्षित रहें। वहीं अपने संबोधन को खत्म करते हुए पीएम मोदी ने कहा- 'वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः' पीएम मोदी की बोली गई इस छोटी सी संस्कृत सूक्ति की लाइन में बड़ा संदेश छिपा हुआ है। 

 

ये अर्थ है इस सुक्ति का
'वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः' सुक्ति यजुर्वेद के नौवें अध्याय की 23वीं कंडिका से ली गई है। इसका अर्थ है, 'हम पुरोहित राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।' पुरोहित का अर्थ होता है जो इस पुर का हित करता है। प्राचीन भारत में ऐसे व्यक्तियों को पुरोहित कहते थे, जो राष्ट्र का दूरगामी हित समझकर उसकी प्राप्ति की व्यवस्था करते थे और सही परामर्श देते थे। हालांकि पीएम मोदी ने अपनी सुक्ति से 'पुरोहिताः' शब्द हटा दिया। उन्होंने सिर्फ कहा 'वयं राष्ट्रे जागृयाम:'। इसका अर्थ हुआ, 'हम राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखेंगे।'

 

बता दें कि पीएम मोदी ने देशवासियों से आज एक बार फिर अपील की कि लॉकडाउन का पूरा पालन करें और सहयोग दें। उन्होंने कि वे जानते हैं कि लोगों को बहुत परेशानी हो रही है लेकिन देश और आपकी सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि त्योहारों के दिन है फिर भी लोग बड़े ही सादे ढंग से इसे अपने घरों में मना रहे हैं जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News