चीन की PLA ने अरुणाचल प्रदेश से लापता 5 युवकों के मिलने की पुष्टि की: किरेन रिजीजू

punjabkesari.in Tuesday, Sep 08, 2020 - 11:12 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने इसकी पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता पांच युवा उसे मिले हैं और उन्हें भारतीय प्राधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है। पांचों युवक गत शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबांसिरी जिले में चीन-भारत सीमा से लापता हो गए थे। रिजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘चीन की पीएलए ने भारतीय सेना द्वारा भेजे गए हॉटलाइन संदेश का जवाब दिया है। उन्होंने इसकी पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता युवक उनकी ओर मिले हैं। व्यक्तियों को हमारे प्राधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है।'' 
PunjabKesari
युवा मामलों एवं खेल राज्य मंत्री रिजीजू अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले हैं और राज्य से एक सांसद हैं। पांच युवकों के लापता होने की घटना तब सामने आई जब उनके साथ जंगल में शिकार के लिए गए दो युवक घर लौट आए और पांचों के परिवारों को सूचित किया कि उन्हें चीनी सैनिक सेरा -7 से अपने साथ ले गए। सेरा -7 नाचो से 12 किलोमीटर उत्तर में सेना का एक गश्ती क्षेत्र है। नाचो मैकमोहन रेखा से लगा आखिरी प्रशासनिक परिक्षेत्र है और जिला मुख्यालय दापोरिजो से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित है। जिन व्यक्तियों का चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर अपहरण किया गया है उनकी पहचान तोच सिंगकाम, प्रसात रिंगलिंग, दोंग्तू इबिया, तानू बाकेर और एन दिरी के तौर पर हुई है। 
PunjabKesari
सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय सेना के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप, एलएसी के भारत की ओर अपर सुबनसिरी से लापता पांच शिकारियों का पता चल गया है जो दो सितम्बर 2020 को अनजाने में दूसरी ओर चले गए थे। चीनी सेना ने आठ सितंबर को हॉटलाइन पर जवाब दिया और इसकी पुष्टि की कि लापता भारतीय उनकी तरफ मिले हैं। उन्हें शीघ्र सौंपे जाने के लिए औपचारिकताओं के संबंध में चीनी सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है।'' गत सोमवार को चीन ने पांचों युवकों के बारे में सवालों से पल्ला झाड़ लिया था और कहा था कि उसने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी जिसे वह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है। 
PunjabKesari
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा के पूर्वी सेक्टर या झांगनान (चीन के झिजांग (तिब्बत) का दक्षिणी हिस्सा) पर चीन का रूख एक जैसा और स्पष्ट रहा है।'' उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने ‘‘तथाकथित अरुणाचल प्रदेश'' को कभी मान्यता नहीं दी। भारतीय नागरिकों के लापता होने के बारे किसी अद्यतन जानकारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘आपने जिस स्थिति की चर्चा की, मैं उससे अवगत नहीं हूं।'' यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है। 

गत मार्च में 21 वर्षीय एक युवक को पीएलए ने मैकमोहन सीमा के पास असापिला सेक्टर से अगवा कर लिया था। उसके परिवार ने तब कहा था कि उसके दो मित्र बच निकले लेकिन तोग्ले सिन्काम को बंदूक के बल पर ले जाया गया। उसे चीन की सेना ने 19 दिन बाद रिहा किया था। भारतीय सेना ने गत दो सितम्बर को तीन चीनी नागरिकों को तब भोजन, गर्म कपड़े और चिकित्सकीय सहायता मुहैया करायी थी जब वे उत्तर सिक्किम में 17500 फुट की ऊंचाई पर स्थित एक सीमा क्षेत्र में बेहद कम तापमान में अपना रास्ता भटक गए थे। क्षेत्र में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों ने इन चीनी नागरिकों को चीन की ओर स्थित उनके गंतव्य तक पहुंचने का रास्ता भी बताया था। इन चीनी नागरिकों में एक महिला भी शामिल थी। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Pardeep

Recommended News

Related News