UPSC: निर्धारित शेड्यूल पर ही होगा एग्जाम, सिविल सेवा परीक्षा स्थगित करने वाली याचिका खारिज

punjabkesari.in Thursday, Jan 06, 2022 - 07:32 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशभर के केंद्रों पर शुक्रवार से शुरू होने वाली संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा को कोविड मामलों में अचानक हुई वृद्धि के मद्देनजर स्थगित करने का आग्रह करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले 19 अभ्यर्थियों की याचिका खारिज करते हुए कहा, "मैं याचिका खारिज कर रहा हूं। मैं फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं। मैं आदेश पारित करूंगा।" उल्लेखनीय है कि मुख्य परीक्षा सात से 16 जनवरी तक निर्धारित है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि कोविड-19 के गंभीर प्रसार को देखते हुए परीक्षा स्थगित की जानी चाहिए, विशेष रूप से ओमीक्रॉन स्वरूप की वजह से जो अब भारत में पूर्व में पाए गए किसी भी स्वरूप की तुलना में तेजी से फैल रहा है।

याचिका में कहा गया था, “नए स्वरूप ओमीक्रोन के साथ कोविड-19 की आसन्न तीसरी लहर के कारण याचिकाकर्ताओं को न केवल संक्रमित होने और उनके जीवन के लिए खतरा होने का जोखिम है, बल्कि अपने मूल्यवान प्रयास को खोने का जोखिम भी है, जो कुछ अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा देने का एक अंतिम प्रयास भी है और यह सब उनकी किसी गलती के बिना है। हाल ही में, कोविड​​​​-19 कई राज्यों, विभिन्न शैक्षणिक केंद्रों सहित शहरों में गंभीर रूप से फैल गया है।” याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता अनुश्री कपाड़िया ने कहा कि उन अभ्यर्थियों के अलावा जो पहले से ही वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, अन्य लोगों को परीक्षा देते समय संक्रमण का जोखिम है क्योंकि वे 30 अभ्यर्थियों के साथ छह घंटे के लिए एक कमरे में बैठे रहेंगे।

उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और अभ्यर्थियों तथा उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए खतरा है एवं कोई मानक संचालन प्रक्रिया नहीं है। कपाड़िया ने दलील दी कि अभ्यर्थी होटल से केंद्रों की यात्रा करने और फिर अपने गृहनगर वापस जाने का जोखिम उठाएंगे, जिससे वे वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। यूपीएससी की ओर से अधिवक्ता नरेश कौशिक ने याचिका का विरोध किया और कहा कि इसी तरह की याचिकाएं प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने के लिए भी उस समय दायर की गई थीं जब कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप फैल रहा था और उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि केवल कुछ ही अभ्यर्थियों ने परीक्षा स्थगित करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जो इस चरण में नहीं किया जा सकता है क्योंकि अधिकारियों द्वारा सभी तैयारियां कर ली गई हैं।

कौशिक ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले 9,100 उम्मीदवारों में से 9085 पहले ही एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं और वायरस का नया रूप हल्का है तथा परीक्षाएं सुरक्षित तरीके से आयोजित की जाएंगी। वकील ने कहा कि यह एकमात्र परीक्षा नहीं है जो महामारी के दौरान आयोजित की जा रही है और कई अन्य परीक्षाएं भी आयोजित की गई हैं तथा अभ्यर्थियों को वायरस से खुद को बचाने के लिए मास्क पहनने जैसे बुनियादी कोविड-19 रोधी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को पूर्व में अपने केंद्र बदलने का विकल्प दिया गया था और उनमें से 1,185 ने अपने केंद्र बदलवाए हैं।


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Content Editor

rajesh kumar

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