तबलीगियों की गलतियों का खामियाजा भुगत रहे दोधी गुज्जर,  डर से लोगों ने बंद किया दूध-पनीर लेना

punjabkesari.in Tuesday, Apr 07, 2020 - 11:32 AM (IST)

साम्बा (संजीव)ः दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीग जमात के मरकज में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जमातियों की गलती का खामियाजा स्थानीय गुज्जरों को भुगतना पड़ रहा है। हालत यह है कि लोगों ने दोधी गुज्जरों से दूध-पनीर लेना बंद कर दिया है। हालांकि अधिकांश गुज्जर अपना दूध हलवाईयों को ही बेचते हैं लेकिन चूंकि इस समय लाॅकडाउन चल रहा है, इसलिए घरों में भी इनका दूध-पनीर बिकना बंद हो गया है। कोरोना के चलते बने इन हालात से दोधी गुज्जर बेहद परेशान हैं। 


    दरअसल गत माह जिले के बड़ी-ब्राहमणा इलाके की एक मस्जिद में कश्मीर का एक कोरोना संक्रमित मौलवी ठहरा था जिसकी बात में मौत हो गई थी। बताया गया है कि इसी व्यक्ति के संपर्क में आकर कई अन्य लोग भी कोरोना पाजिटिव आए थे, जिसके बाद से ही लोगों में इस बात को लेकर खौफ घर कर गया है कि संभवतः गुज्जर समुदाय के और लोग भी उक्त मौलवी के संपर्क में आए होंगे। इसके अलावा गत दिनों जिले के रामगढ़ (चक दौलत) में एक मस्जिद में रह रहे मौलवी और उसके एक साथी को अपनी यात्रा हिस्ट्री छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिससे भी लोगों में गलत प्रभाव पड़ा। 

 

    हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है, लेकिन इसके बावजूद लोगों में डर बना हुआ है। वहीं कुछ लोग, जिनमें पंच-सरपंच भी शामिल हैं, दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इस संबंध में सोशल मीडिया पर वीडियो आदि पोस्ट कर लोगों को गुज्जरों से दूध न लेने को कह रहे हैं। गुज्जर समुदाय के सामाजिक कार्यकर्ता लाल हुसैन का कहना है कि यह काफी दुभाग्र्यपूर्ण हैं कि एक प्रकार से दोधी गुज्जरों का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है और उन्हें पशुचारा तक लेने के लिए गांवों में नहीं घुसने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुज्जर समुदाय का तबलीगी जमात से 
कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि इन्हें काम से ही फुर्सत नहीं मिलती है, ऐसे में कुछ लोगों द्वारा इस प्रकार की अफवाहें फैला कर इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है और दो समुदायों में दीवार खड़ी करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे पुलिस-प्रशासन द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए। 
 


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Monika Jamwal

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