वीडियो फुटेज से खुलासा- जामिया की लाइब्रेरी में दिखे लोग ही पथराव में थे शामिल

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2020 - 09:40 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस बल के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, एक के बाद एक वीडियो सामने आने के बाद जामिया में हुई घटना की परतें खुलती जा रही हैं। जामिया का चौथा वीडियो सामने आया है, जिसमें कुछ लोग जो हाथ में पत्थर लेकर पहले रेलिंग्स पर कूदते देखे गए, वहीं जामिया की लाइब्रेरी में भी घुसे। ये विजुअल्स पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने और लाठीजार्ज करने से पहले के हैं।
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जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की ओर से रिलीज की गईं वीडियो फुटेज, दिल्ली पुलिस सोर्सेज और यूट्यूब चैनल मखतूब मीडिया का तुलनात्मक अध्ययन दिखाता है कि लाइब्रेरी के बाहर पत्थर फेंकने वाले कई लोग पुलिस के रीडिंग रूम में दाखिल होने से और बल प्रयोग करने से पहले ही वहां छुपने के लिए घुस चुके थे। अभी तक ये स्थापित नहीं हो सका है कि फुटेज में दिखाई देने वाले ये लोग जामिया के छात्र हैं या बाहरी लोग।
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विजुअल्स पार्ट-1
दिल्ली पुलिस सोर्सेज की ओर से रिलीज सीसीटीवी फुटेज में एक गंजे व्यक्ति को पत्थर में हाथ लिए बॉलकनी से कूदते देखा जा सकता है। मखतूब मीडिया की ओर से यूट्यूब पर रिलीज एक और फुटेज में उसी व्यक्ति को लाइब्रेरी के अंदर देखा जा सकता है। मखतूब मीडिया की ओर से यूट्यूब पर जारी फुटेज में – ‘जामिया लाइब्रेरी में दिल्ली पुलिस की क्रूरता’ दिखाने का दावा किया गया था। इसी कमरे से एक और फुटेज स्थापित करती है कि यही व्यक्ति पुलिस के लाइब्रेरी में प्रवेश करने से पहले एक ग्रुप के साथ रीडिंग रूम में घुसा। इस ग्रुप के कुछ लोगों ने अपने चेहरों को हाथ से ढका हुआ है।
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विजुअल्स पार्ट-2
हैट और लाल स्वेटशर्ट पहने ये व्यक्ति बॉलकनी में पत्थर फेंकने वालों के साथ देखा गया। इस व्यक्ति को भी पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने से पहले वहां प्रवेश करते देखा गया। कपड़े से मुंह ढके इस व्यक्ति को लाइब्रेरी में बैठे छात्रों को हाथ के इशारे से चुप रहने के लिए कहते देखा जा सकता है।
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विजुअल्स पार्ट-3
लंबे बालों और दाढ़ी वाले एक और व्यक्ति को दोनों वीडियो में काफी सक्रिय देखा जा सकता है। इस व्यक्ति ने दोनों हाथों में कुछ पकड़ा हुआ है और इसे बॉलकनी में पत्थर फेंकने वालों के साथ और रीडिंग रूम, दोनों जगह देखा जा सकता है।
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हालांकि विभिन्न स्रोतों की ओर से रिलीज जामिया की कुछ फुटेज में टाइम स्टैम्प नहीं है, लेकिन दो वीडियो में सक्रिय टाइम स्टैम्प है। मान लिया जाए कि दोनों सीसीटीवी कैमरा समान सर्वरों से जुड़े थे और एक ही घड़ी फॉलो कर रहे थे। ऐसे में बॉलकनी में पत्थर लेकर खड़े लोगों और पुलिस के लाइब्रेरी में बल प्रयोग के समय अंतर को देखा जाए तो कम से कम तीन मिनट का फर्क है। यानि बॉलकनी में खड़े लोगों को देखे जाने के कम से कम तीन मिनट बाद पुलिस लाइब्रेरी में घुसी।


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Yaspal

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