जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा : संसद में हंगामे को लेकर स्पीकर ओम बिरला

punjabkesari.in Wednesday, Jul 20, 2022 - 05:50 PM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर बुधवार को भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। मानसून सत्र में लगातार तीसरे दिन सदन की कार्यवाही विपक्षी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गई।

लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को जब दो बार के स्थगन के बाद शाम चार बजे आरंभ हुई तो सुबह की तरह ही विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। पीठासीन सभापति मिथुन रेड्डी ने हंगामे के बीच ही शून्यकाल शुरू कराया और तीन सदस्यों ने अपने-अपने विषय उठाये। हालांकि नारेबाजी जारी रहने पर रेड्डी ने सदन की कार्यवाही शाम करीब चार बजकर पांच मिनट पर बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने प्रश्न पूछे और मंत्रियों ने जवाब दिये। इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।

लोकसभा अध्यक्ष ने नारे लगा रहे सदस्यों से कहा, ‘‘सदन चर्चा संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं है और सदन में शोर-शराबा करने वाले सदस्य सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों का रवैया संसदीय परम्पराओं के लिए उचित नहीं है क्योंकि जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘अमृतकाल में जनता हमसे चर्चा और संवाद की उम्मीद करती है'' और वह सभी विषयों पर चर्चा के लिए प्रक्रिया अनुसार समय देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शून्यकाल में हर विषय को उठाने की अनुमति देने को तैयार हूं लेकिन हंगामा करेंगे तो इजाजत नहीं दूंगा।'' शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद अपराह्न 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी। सदन की बैठक दो बजे पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति मिथुन रेड्डी ने आवश्यक दस्तावेज सदन के सभा पटल पर रखवाए।

इस बीच कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जीएसटी वापस लो' जैसे नारे लगा रहे थे। पीठासीन सभापति ने हंगामे के बीच ही सदस्यों को नियम 377 के तहत अपने विषय उठाने का अवसर दिया। कुछ सदस्यों ने शोर-शराबे के बीच ही अपने विषय रखे। इस दौरान रेड्डी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर बैठने का आग्रह किया। हालांकि हंगामा नहीं थमा और करीब आधे घंटे तक शोर-शराबे में ही कार्यवाही संचालित करने के बाद उन्होंने बैठक को अपराह्न 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।


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Content Writer

Yaspal

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