पेगासस जासूसी मामला: जांच समिति ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट, शुक्रवार को होगी अहम सुनवाई

punjabkesari.in Tuesday, Feb 22, 2022 - 10:39 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति रविंद्रन समिति ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना , जस्टिस आर सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ समिति की अंतरिम रिपोर्ट एवं अन्य जनहित याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। इसी खंडपीठ ने पिछले साल समिति की देखरेख में तकनीकी विशेषज्ञों के जांच दल का गठन किया था। समिति द्वारा अंतरिम रिपोर्ट पेश करने की वजह से माना जाता है कि यह वह आगे की जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग अदालत से करेगी। खंडपीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 27 अक्टूबर 2021 को शीर्ष अदालत के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश आर वी रवींद्रन की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक समिति गठित थी। 

 

यह समिति के सदस्य
खंडपीठ ने समिति से आठ सप्ताह में अपनी जांच पेश करने की अपेक्षा की थी। जस्टिस रविंद्रन को सहयोग करने के लिए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पूर्व अधिकारी आलोक जोशी तथा डॉ संदीप ओबरॉय को समिति का सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था। समिति की देखरेख में तीन सदस्यीय विशेष तकनीकी जांच दल मामले की छानबीन कर रहा है। दल में सदस्य के तौर पर प्रो. नवीन चौधरी, प्रो. अश्विनी गुमस्ते और प्रो. पी. प्रबाहरण तकनीकी पहलुओं से जांच कर रहे हैं। प्रो. चौधरी, (साइबर सिक्योरिटी एंड डिजिटल फॉरेसिक्स), डीन- नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर गुजरात), प्रो. प्रबाहरण (स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग) अमृत विश्व विद्यापीठम, अमृतपुरी, केरल और डॉ गुमस्ते, इंस्टिट्यूट चेयर एसोसिएट प्रोफेसर (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुंबई से हैं। 

 

क्या है पूरा मामला
पेगासस मामला इजरायल की निजी कंपनी एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए गए पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर भारत सरकार द्वारा कथित तौर पर खरीदने से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस सॉफ्टवेयर को भारत समेत दुनिया भर के बड़ी संख्या में लोगों के स्मार्ट मोबाइल फोन में गुप्त तरीके से डालकर उनकी बातचीत की जासूसी की गई। याचिकाओं में भारत सरकार पर उस जासूसी सॉफ्टवेयर को खरीद कर यहां के अनेक जाने-माने राजनीतिज्ञों, खासकर विपक्षी दलों के नेताओं, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, अधिकारियों की अवैध तरीके से जासूसी करने के आरोप लगाए गए हैं।

 

केंद्र सरकार के इजरायल से पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर की कथित खरीद मामले में एक विदेशी अखबार के हालिया खुलासे के मद्देनजर 30 जनरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट में एक नई जनहित याचिका दायर की गई थी। इस मामले में पहली जनहित याचिका करने वाले वकील एम. एल. शर्मा ने यह याचिका दायर कर आरोपियों पर शीघ्र प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने की गुहार सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश से लगाई थी। उनकी इस नई याचिका पर अभी सुनवाई होनी बाकी है।


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Content Writer

Seema Sharma

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