संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, संसद में 43 विधेयक हैं लंबित,CAB रहेगा मुख्य एजेंडा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2019 - 05:24 AM (IST)
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इस सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधयेक 2019 सरकार के मुख्य एजेंडा में शामिल है। केंद्र में नरेंद्र मोदी नीत सरकार इस सत्र में करीब 35 विधेयकों को पारित कराना चाहती है। इन विधेयकों में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 भी शामिल है। मौजूदा समय में संसद में 43 विधेयक लंबित हैं। संसद के इस सत्र में कुल 20 बैठकें होंगी,सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा। आर्थिक सुस्ती, किसानों की समस्या, जेएनयू में विरोध प्रदर्शन, लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मामला और बेरोजगारी अहम है जिन पर विपक्ष सरकार को घेर सकता है। कांग्रेस की मांग है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम को सत्र में हिस्सा लेने की इजाजत मिलनी चाहिए। मौजूदा सत्र में इस पर भी हंगामा होने के आसार हैं।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रहेगा ज्यादा जोर
पिछली बार से ज्यादा बड़ा जनादेश (303 सीटों) के साथ बीजेपी अब दोबारा सत्ता में आई है, इसलिए सरकार इस बार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को संसद में पास करवाना करवाना चाहेगी। इस विधेयक से मुस्लिम आबादी बहुल पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले गैर-मुस्लिम अप्रवासियों के लिए भारत की नागरिकता लेना आसान हो जाएगा। हालांकि विधेयक में इसे स्पष्ट नहीं किया गया है लेकिन इसके तहत ऐसा प्रावधान किया गया है कि इन देशों में अत्याचार सह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं और इसमें मुस्लिम को शामिल नहीं किया गया है।
एनआरसी मुद्दे पर भी बहस तेज
एनआरसी असम में एक लंबित मांग रही है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असम में अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें पंजी से हटाया गया है लेकिन इसके लागू होने के बाद इसे देशभर में लागू करने की मांग तेज हो गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी चुनावी रैलियों के दौरान इस मामले को जोर शोर से उठाया।
संसद में 43 विधेयक हैं लंबित
इसके अलावा चिटफंड (संशोधन) विधेयक 2019 उन 12 लंबित विधेयकों में शामिल है, जिन्हें संसद में चर्चा कर पारित करवाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। फिलहाल संसद में 43 विधेयक लंबित हैं, इनमें से 27 विधेयक पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि सात विधेयक वापस लिए जाने हैं।