प्रदूषण ने घोटा बचपन, अब ‘स्मॉग ब्रेक' ही बचा सकता है मासूमों का जीवन

punjabkesari.in Sunday, Nov 17, 2019 - 04:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों में अब अन्य छुट्टियों की तरह प्रदूषण से बचने के लिए भी अवकाश दिया जाए, ताकि उनके बच्चे दिल्ली की प्रदूषित हवा से बच सकें। इन अभिभावकों का कहना है कि हर साल 1 से 20 नवंबर तक स्कूलों में ‘‘स्मॉग ब्रेक'' होना चाहिए। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के लगभग 10,000 लोगों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया, जिसके मुताबिक, माता-पिता यह भी चाहते हैं कि स्मॉग ब्रेक की भरपाई गर्मी, सर्दी और वसंत की मिलने वाली छुट्टियों में कमी कर की जाए, ताकि वार्षिक अध्ययन कैलेंडर प्रभावित न हो। 

PunjabKesari

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और गुड़़गांव के 74 प्रतिशत माता-पिता चाहते हैं कि हर साल 1-20 नवंबर तक स्कूलों में अवकाश मिले जब शहर की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रहती है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि लगातार छुट्टियों का असर स्कूलों के पाठ्यक्रम और गतिविधियों पर पड़ सकता है, इस पर चिंता व्यक्त करते हुए, इन माता-पिता ने सुझाव दिया कि ‘स्मॉग ब्रेक' की भरपायी अन्य वार्षिक अवकाश में कमी करके किया जाए।

PunjabKesari

उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर को वायु प्रदूषण के आपात स्तर के करीब पहुंचने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित ‘पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था और प्रशासन ने 5 नवंबर तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था। पिछले महीने भी, वायु की गुणवत्ता आपात स्तर के आसपास पहुंचने के बाद स्कूलों को चार दिनों के लिए बंद करना पड़ा था। इस बीच, स्कूलों ने अभिभावकों को अपने बच्चों को मास्क पहनाकर स्कूल भेजने के लिए कहा। स्कूलों की बाहरी गतिविधियाँ निलंबित रहीं। कुछ निजी स्कूलों ने छात्रों को इसके प्रभाव से बचाने के लिए एयर प्यूरिफायर भी लगाए। 

PunjabKesari

14 नवंबर को बाल दिवस पर होने वाले समारोह को भी रद्द करना पड़ा क्योंकि उस दिन स्कूल बंद थे। छात्रों और कुछ स्कूल के प्राचार्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों को रविवार को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली और वायु गुणवत्ता सुधार के साथ ‘गंभीर' श्रेणी से खराब श्रेणी में पहुंच गयी। रविवार को सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 दर्ज किया गया जबकि इसी समय शनिवार को यह 412 था। फरीदाबाद में यह सूचकांक 228, गाजियाबाद में 241, ग्रेटर नोएडा में 192, नोएडा में 224 और गुड़़गांव में 193 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता 201-300 के बीच ‘खराब' मानी जाती है। वहीं 301-400 के बीच ‘बेहद खराब' और 401-500 के बीच ‘गंभीर' मानी जाती है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति में गिरावट के कारण 20 नवंबर से प्रदूषण के फिर से बढ़ने की आशंका है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News