रोटी पर 5 तो पराठे पर 18 प्रतिशत GST, आनंद महिंद्रा ने ली इस फैसले पर चुटकी

punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 02:13 PM (IST)

मुंबई: अगर आप भी खाने के शौंकीन हैं तो यह खबर आपको थोड़ा चौंका सकती है। हम आमतौर पराठे को रोटी का ही एक प्रकार मानते हैं लेकिन अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) की कर्नाटक बेंच ने इसकी जो व्याख्या पेश की वो काफी हैरान कर देने वाली है। जीएसटी का नियमन करते हुए अथॉरिटी ने पराठे को 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा है। मतलब यह कि भोजनालयों में रोटी पर लगने वाला जीएसटी 5 फीसदी होगा लेकिन पराठे पर 18 फीसदी का टैक्स देना होगा। 

एक प्राइवेट  कंपनी ने की थी अपील
दरअसल, एक प्राइवेट फूड मैनुफैक्चरिंग कंपनी ने यह अपील की थी कि पराठा को खाखरा, प्लेन चपाती या रोटी की कैटिगरी में रखा जाना चाहिए लेकिन एएआर ने उनकी इस अपील पर सहमति नहीं जताई। एएआर ने अपने आदेश में कहा, रोटी (1905) शीर्षक के अंतर्गत आने वाले प्रोडक्ट्स पहले से तैयार और पूरी तरह से पकाए गए फूड होते हैं जबकि दूसरी ओर पराठा को खाने से पहले गर्म करना होता है। इस आधार पर एएआर पराठा को 1905 के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं कर सकती इसलिए यह जीएसटी की 99ए एंट्री के तहत भी नहीं आएगा। 

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महिंद्रा ने किया ट्वीट 
एएआर के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर जमकर चुटकी ली जा रही है। वहीं इस फैसले पर उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी अपनी प्रतिक्रिया देने से पीछे नहीं हटे। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि देश में अन्य चुनौतियों की तरह अगर पराठा के अस्तित्व के संकट को लेकर हम परेशान होते हैं तो आप हैरान हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि भारतीय जुगाड़ कौशल से पराठा+रोटी की नई नस्ल तैयार होगी जो किसी भी वर्गीकरण को चुनौती देगी। आनंद महिंद्रा का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी पंसद किया जा रहा है। 


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Edited By

Anil dev

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