RRU और आईटी मंत्रालय के बीच PARAM समझौते पर हुए हस्ताक्षर

punjabkesari.in Friday, Jan 22, 2021 - 07:25 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU), राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत के पुलिस प्रशासन में अग्रणी राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान, जिसे गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित किया गया है, जिसमें बेहतर पुलिसिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीक विकसित करके देश की सेवा करने का दायित्व है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त राष्ट्रीय आरएंडडी संगठन, पुणे के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

डॉ बिमल एन पटेल, कुलपति, आरआरयू और डॉ हेमंत दरबारी, सी-डैक के महानिदेशक के बीच समझौता ज्ञापन पर डॉ बी एस जगदीश, पूर्व वैज्ञानिक, BARC और सलाहकार, C-DAC, एम नागराजन (IAS), उच्च शिक्षा निदेशक, गुजरात सरकार, लेफ्टिनेंट जनरल डॉ सुब्रत साहा, पूर्व थल सेनाध्यक्ष; डॉ अक्षत मेहता, यूनिवर्सिटी डीन, पवन सोनी, रजिस्ट्रार, कोणार्क राय, ईडी, अभिषेक दास, प्रशांत डिंडे और प्रसाद वडालकोंडावर, सी-डैक के संयुक्त निदेशक की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया।

"पहले कदम के रूप में, एक राष्ट्रीय क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर " डेटा इंटेलिजेंस एचपीसी-एआई परिवर्तित PARAM मॉडलिंग " प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, हाई परफॉर्मेंस कम्प्यूटिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉक चेन, फेशियल रिकॉग्निशन, इमेज प्रोसेसिंग, रोबोटिक्स, IoT और साइबर सिक्योरिटी के साथ भविष्य में डिजिटल इंडिया और ग्लोबल टेक्नॉलॉजी परियोजना में योगदान देने वाली बहुत सटीकता के साथ तेजी से परिणाम देने वाली प्रमाणिक तकनीकी क्षमताओं से लैस दुनिया में अपनी तरह का ये एक मात्र परियोजना है। PARAM मॉडलिंग के तहत हार्डवेयर की सरंचना और बनावट ज्यादातर भारत में निर्मित होंगे, जोकि मेक इन इंडिया के भारत सरकार की सोच को पूरा करता है। आरआरयू के कुलपति डॉ बिमल एन पटेल ने कहा इस मिशन को और आगे ले जाने के लिए, आजकी तकनीक को सामरिक दृष्टिकोण से उसका उपयोग किया जायेगा इस बात पर बल दिया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विश्लेषण के लिए उपलब्ध बड़े डेटा सेट के कारण नए तकनीक की उपयोगिता बढ़ गई है जो कि राष्ट्र सुरक्षा और सामरिक क्षेत्रों जैसे- डिफेंस के लिए उपयोगी है। खुफिया संग्रह और विश्लेषण, साइबर संचालन, सूचना संचालन, कमान और नियंत्रण के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के अर्ध-स्वायत्त और स्वायत्त संस्थानों में एआई पर अनुसंधान चल रहा है।

सी-डैक के महानिदेशक डॉ हेमंत दरबारी ने उल्लेख किया की RRU में, इस पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर-टेररिज्म, आंतरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन, सूचना प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा, विधि विज्ञान और जोखिम प्रबंधन, अपराध विज्ञान, तटीय सुरक्षा, अंतरिक्ष अध्ययन, सीमा प्रबंधन और खुफिया, वायु के लिए मशीन लर्निंग घटना से पहले अपराध को रोकने के लिए एल्गोरिदम विकसित किया जायेगा जो सुरक्षा तकनीक को उत्कृष्ट बनाएगा।

इसके लिए एक योजनाबद्ध रोडमैप तैयार किया गया है जो अपना स्वदेशी सर्वर बोर्ड, एचपीसी-एआई परिवर्तित प्रोसेसर, नेटवर्क सिक्योरिटी, क्वांटम एक्सिलरेटर, हाई थ्रूपुट स्टोरेज और डायरेक्ट लिक्विड कूलिंग डेटा सेंटर प्रमुख घटक के रूप में होंगे, जो भारत के आत्मनिर्भर-मिशन की ओर एक बहुत बड़ी पहल है । राष्ट्रीय डेटा नीति के एक हिस्से के रूप में, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित होने के साथ, हमारा डेटा, भारत में अत्यंत सुरक्षित रहेगा।

इस संबंध के माध्यम से RRU, HPC-AI सुपरकंप्यूटर परम सिद्धि - AI ’की महत्वपूर्ण क्षमता तक पहुंच बनाएगा, जो वर्तमान में भारत में सबसे शक्तिशाली और सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है और दुनिया में 62 वें स्थान पर है। यह आरआरयू को अकादमिक, उद्योग, एमएसएमई और स्टार्ट-अप के साथ भागीदारी को प्रेरित करता है तथा विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगा।

 


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Yaspal

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