अफगानिस्तान से भारत भेजी 21 हजार करोड़ रुपए की हैरोइन जब्त, पाक-तालिबान कनैक्शन आया सामने

punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 06:01 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान की तबाही का मुख्य कारण पाकिस्तान को माना जा रहा है। तालिबानी आंतकियों को पालने वाला पाकिस्तान ड्रग्स तस्करी के काले कारोबार में भी तालिबान की मदद कर रहा है। तालिबान-पाकिस्तान के बीच ड्रग तस्करी का बड़ा खुलासा हुआ है। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार ईरान से भारत लाई जा रही 21 हजार करोड़ रुपए की हैरोइन जब्तकर 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अफगानिस्तान के कंधार से टैलकम पाऊडर के नाम पर  गुजरात के कच्छ  के मुंद्रा पोर्ट पर  पकड़े गए ड्रग्स की कीमत करीब 21 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है। पोर्ट पर दो कंटेनर्स में लगभग 3000 किलो हेरोइन बरामद की गई है।  

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सरकारी एजेंसी ने  बताया कि हेरोइन को टैल्कम पाऊडर ले जाने वाले दो कंटेनरों में रखा गया था। DRI ने कहा कि एक कंटेनर में लगभग 2,000 किलोग्राम (4,409 पाउंड) हेरोइन और दूसरे में लगभग 1,000 किलोग्राम की खेप अफगानिस्तान से आई थी और इसे ईरान के एक बंदरगाह से गुजरात भेज दिया गया था।हेरोइन की बड़ी खेप मिलने के बाद हरकत में आई जांच एजेंसी ने गुजरात के अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, गांधीधाम और मांडवी में तलाशी ली गई है। सोमवार को एक विशेष अदालत ने हेरोइन की मुंद्रा बंदरगाह से बरामदगी के मामले में गिरफ़्तार दक्षिण भारत की दम्पति को आज खुफिया राजस्व निदेशालय को आगे की जांच और पूछताछ के लिए दस दिन की रिमांड पर सौंप दिया।

 

DRI ने बताया कि  ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह के रास्ते दो कंटेनर में मंगाई गई इस हेरोइन को विजयवाड़ा की जिस मेसर्स आशी ट्रेडर्ज़ नाम की कम्पनी ने टेलकम स्टोन के नाम पर आयात किया था उसके मालिक मच्छावरम सुधाकर और उनकी पत्नी सह भागीदार दुर्गपूर्णा वैशाली को 17 सितंबर को ही गिरफ़्तार कर लिया गया था। उन्हें ट्रैंजिट  रिमांड पर गुजरात के कच्छ जिले में लाकर जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

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गौरतलब है कि अफगानिस्तान की सत्ता हाथ में आने के बाद तालिबान दुनिया के सामने ड्रग्स की स्मगलिंग वाली अपनी छवि को बदलना चाहता है।  लिहाज़ा उसने सीधे तौर पर इसकी सप्लाई न कर पाकिस्तान की मदद से ईरान और तुर्की के रास्ते दुनिया भर में ड्रग्स की सप्लाई कर रहा है और पाकिस्तान उसे स्पोर्ट कर रहा है।सूत्रों के मुताबिक आर्थिक मदद के लिए तालिबान की नई हुकूमत ने पाकिस्तान को एप्रोच किया था लेकिन पाकिस्तान जैसे आर्थिक तौर से दिवालिया देश ने पैसे से तालिबान की मदद करने में असमर्थता जताई  लेकिन पाकिस्तान ड्रग्स की तस्करी के काले कारोबार में तालिबान की मदद जरूर कर रहा है। यह भी गौरतलब है कि ड्रग्स की वैश्विक तस्करी के लिए तालिबान जो ड्रग्स/नारकोटिक्स बाहर भेज रहा है, वो पाकिस्तान के सैन्य और सिविलियन एयरक्राफ्ट के जरिये तुर्की पहुंचाया जा रहा है, जहां से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में ड्रग्स भेजा जा रहा है। 

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तालिबान के लिए ड्रग्स की तस्करी पैसे का बड़ा स्रोत रही है।  एक अनुमान के मुताबिक सत्ता पर क़ाबिज़ होने से पहले ड्रग्स ट्रेड से तालिबान को होने वाली आमदनी 2 बिलियन यानी 200 करोड़ थी और सत्ता में आने के बाद तालिबान इसे बढ़ाना चाहता है। इसके अलावा तालिबान कुख्यात ड्रग तस्कर हाज़ी बशीर नूरज़ाई की रिहाई के लिए भी अमेरिका से बार्गेनिंग कर रहा है। तालिबान को लगता है कि हाज़ी बशीर मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में ड्रग्स तस्करी के काम में काफी कारगर साबित हो सकता है और तालिबान के पैसे की जरूरत को पूरा कर सकता है।


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Content Writer

Tanuja

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