कोरोना वैक्‍सीन को लेकर भारत ने दक्षिण एशियाई देश पछाड़े, चीन पर आस लगाए बैठा पाकिस्‍तान

punjabkesari.in Sunday, Jan 17, 2021 - 12:28 PM (IST)

पेशावरः कोरोना वैक्सीन शुरू करने के मामले ने एक बार फिर भारत ने अपने पड़ोसी देशों से बाजी मार ली है । वहीं पाकिस्‍तान समेत दक्षिण एशिया के कई मुल्‍कों में अभी इस कार्यक्रम की शुरुआत नहीं हो सकी है। भारत में 16 जनवरी से कोरोना वैक्‍सीन का कार्यक्रम पूरे देश में युद्ध स्‍तर पर शुरू हो गया है जबकि पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान कोरोना वैक्‍सीन  को लेकर चीन की तरफ ताक रहा है।   साइनोफार्म द्वारा बनाई गई स‍िनोवैक ट्रायल पर है। इस वैक्‍सीन के ट्रायल के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। उम्‍मीद की जा रही है फरवरी के मध्‍य तक साइनोफार्म से वैक्‍सीन की पहली खेप पहुंच जाएगी। हथियारों को लेकर भारत से मुकाबले के दावे करने वाला पाकिस्तान वैक्‍सीन को लेकर चीन से उम्मीदें लगाए  बैठा है।  रूस और चीन की वैक्‍सीन के अलावा पाकिस्‍तान  बाईओएनटेक, फाइजर और मॉडर्ना की वैक्‍सीन हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

 

इमरान खान सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने कोरोना वैक्सीन आयात करने के लिए कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है और न ही किसी वैक्सीन निर्माता ने देश को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए अनुरोध स्वीकार किया है। प्रधान मंत्री के विशेष सहायक डॉ फैसल खान ने कहा कि "हालांकि, हम  जल्द  वैक्सीन का पहला बैच पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन किसी भी वैक्सीन निर्माता के साथ अभी अंतिम फैसला नहीं किया गया है ।  पाकिस्‍तान के कार्यवाहक स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री फैसल सुल्‍तान का कहना है कि इस फरवरी के मध्‍य तक चीन से वैक्‍सीन आएगी।

 

उन्‍होंने कहा कि पहले चरण में स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ वरिष्‍ठ नागरिकों को इसकी डोज दी जाएगी। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि पाक‍िस्‍तान के आर्थिक हालत को देखते हुए क्‍या सबको वैक्‍सीन की डोज मिल पाएगी। इसकी एक अन्‍य बड़ी वजह यह भी है कि वैक्‍सीन के मामले में पाकिस्‍तान चीन पर निर्भर है। चीन की यह वैक्‍सीन अभी ट्रायल के स्‍तर पर ही है। पाक‍िस्‍तान ने कोविड-19 की वैक्‍सीन के लिए 150 अरब डालर आबंटित किए हैं। इस राशि से 10 लाख से ज्‍यादा डोज ही खरीदा जा सकता है। पाकिस्‍तान को पूरे देश को वैक्‍सीन देने के लिए काफी  धन की जरूरत  होगी। अब सवाल यह है कि अगर यह खेप पाकिस्‍तान पहुंच भी गई तो इससे देश की सिर्फ 0.2  फीसदी आबादी को ही खुराक मिल पाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News