G-20 मीटिंग से पहले PAK की साजिश, सोशल मीडिया पर चला रहा 100 से ज्यादा फर्जी हैशटैग

punjabkesari.in Monday, May 22, 2023 - 11:36 AM (IST)

नेशनल डेस्क: श्रीनगर में सोमवार से शुरू हो रही G-20 की बैठक सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की ड्रोन-रोधी टीम आसमान से नजर रखे हुए हैं, मरीन कमांडो डल झील में गश्त कर रहे हैं और सुरक्षाकर्मी जमीन पर निगरानी रखे हुए हैं। वहीं श्रीनगर में G-20 की एक बड़ी बैठक शुरू होते ही पाकिस्तान ने अपने प्रोपेगेंडा प्लान के तहत एक नया दांव चल दिया है। पाकिस्तान ने G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक के विरोध में 100 से ज्यादा फर्जी हैशटैग को वायरल करने का प्लान बनाया है। इन संदिग्ध हैशटैग की पहचान खुफिया एजेंसियों ने की है। यह पाया गया कि 100 से ज्यादा फेक प्रोफाइल बनाकर G-20 बैठक के खिलाफ प्रोपेगेंडा को ट्रेंड कराने की कोशिश की गई है।

 

एजेंसियों ने करीब 500 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की भी पहचान की है जिनको पाकिस्तान ने खास इसी प्रोपेगेंडा प्लान के लिए लगाया है, इनसे भारत में या तो व्हाट्सएप मैसेज या फिर लोगों के पास गुमनाम कॉल आते हैं। श्रीनगर के डाउनटाउन इलाकों में कुछ पोस्टर भी लगाए गए हैं, जिनमें G-20 देशों से शहर में अपनी बैठक का बहिष्कार करने का आग्रह किया गया है। ये पोस्टर वारसीन-ए-शुदा सहित कश्मीर की आजादी के प्रोपेगेंडा समर्थक संगठनों ने लगाए थे। 

 

सुरक्षा कड़ी

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किए जाने के बाद कश्मीर में यह पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक हो रही है। न्यूनतम पुलिसिंग और अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, जम्मू कश्मीर पुलिस ने ज़बरवान रेंज पर तैनाती के लिए सेना से संपर्क किया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीस कंपनियों को घाटी में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए वापस बुला लिया गया है, जिन्हें पहले देश के बाकी हिस्सों में चुनाव ड्यूटी के लिए जम्मू कश्मीर से बाहर ले जाया गया था।

 

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की ड्रोन रोधी इकाई के दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए सेवा में लगाया गया है कि कोई अवांछित हवाई घुसपैठ न हो। किसी भी आतंकवादी घटना और बंधक बनाने जैसी स्थिति से निपटने के लिए "ब्लैक कैट" कमांडो की एक टीम तैयार है। सुरक्षा तैयारियों से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मार्कोस टीम जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की नदी शाखा के कर्मियों के साथ डल झील में गश्त करेगी, क्योंकि कन्वेंशन सेंटर झील के किनारे स्थित है।'' नौसेना के समुद्री कमांडो, या मार्कोस 1990 के दशक के मध्य से नियंत्रण रेखा से किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए घाटी में वूलर झील पर तैनात हैं, क्योंकि आतंकवादी झील का उपयोग भीतरी इलाकों में प्रवेश करने के लिए कर रहे थे।


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Content Writer

Seema Sharma

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