FATF का खौफः पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड आंतकी मसूद अजहर 18 जनवरी तक गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम

punjabkesari.in Sunday, Jan 10, 2021 - 12:07 PM (IST)

इस्लामाबादः वैश्विक आतंकी वित्त पोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का खौफ अब दिन ब दिन  पाकिस्तान पर बढ़ता नजर आ रहा है।  पाक की आतंकवाद रोधी अदालत ने पंजाब पुलिस  को अल्टीमेटम देते हुए  कहा है कि संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी के रूप में घोषित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी वित्त पोषण से जुड़े मामले में 18 जनवरी तक गिरफ्तार किया जाए। अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) गुजरांवाला ने जारी किया है। इससे पहले  लाहौर के एंटी टेरर कोर्ट ने शुक्रवार को 26/11 मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड और लश्कर ए तैयबा के आतंंकी जकीउर रहमान लखवी को आतंकवाद को समर्थन और  वितीय मदद करने के मामले में  15 साल की सजा सुनाई है। पाक इन कार्रवाइयों को FATF  की वित्तीय प्रतिबंधों की ग्रे सूची से बाहर निकलने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। 

 

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अदालत के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘‘एटीसी गुजरांवाला न्यायाधीश नताशा नसीम सुप्रा ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सीटीडी को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश  किया जाए।’’ अजहर आतंकी वित्तपोषण और आतंकी सामग्री के प्रचार-प्रसार के आरोपों का सामना कर रहा है। अजहर आतंकी वित्तपोषण और आतंकी सामग्री के प्रचार-प्रसार के आरोपों का सामना कर रहा है। मसूद अज़हर आतंकी संगठन जैश.ए.मोहम्मद का स्थापक और नेता है। जैश-ए-मोहम्मद मुख्यतः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय एक आतंकी संगठन है।  मसूद अजहर 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर 40 जवानों की हत्या कराने और साल 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है।

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वह इन दोनों आतंकी हमलों के अलावा भी भारत में कई अन्य वारदातों के लिए वांछित है। उसे 1999 में आतंकियों ने भारतीय विमान आईसी-814 का अपहरण करने के बाद काबुल ले जाकर यात्रियों के बदले रिहा कराया था। रिहा होने के बाद ही अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन कर भारत में आतंकी हमले कराने शुरू किए थे।मई 2019 में अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था। यह कदम भारत की तरफ से एक दशक से किए जा रहे प्रयासों के बाद उठाया गया था।अजहर ने यह माना था कि 1993 में वो अल कायदा के सोमालियाई समर्थक संगठन अल इतिहाद अल इस्लामिया के नेताओं से मिलने केन्या गया था।

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अल इस्लामिया ने अजहर के संगठन हरकत उल मुजाहिद्दीन से अपनी गतिविधियों के लिए पैसे और कार्यकर्ता माँगे थे। भारतीय गुप्तचर अधिकारियों के अनुसार वो कम से कम तीन बार गृह-युद्ध से त्रस्त देश सोमालिया जा चुका था।  एटीसी गुजरांवाला ने आतंकी वित्त पोषण मामले में सुनवाई के दौरान गत बृहस्पतिवार को अजहर की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। यह मामला पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) की तरफ से दाखिल किया गया है। सुनवाई के दौरान सीटीडी को अजहर को 18 जनवरी तक गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने के लिए कहा। जज ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में वह अजहर को अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। अजहर पर आतंकी वित्त पोषण के अलावा जिहादी साहित्य बेचने का आरोप है।अजहर के फिलहाल अपने पैतृक शहर बहावलपुर में एक ‘सेफ हाउस’ में छिपे होने की सूचना है।  


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Tanuja

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