PAK ने जाधव पर ICJ के फैसले को नकारा, इस हेकड़ी के पीछे कही 'चीनी' तो नहीं?
punjabkesari.in Friday, May 19, 2017 - 09:36 AM (IST)
नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग में कुलभूषण जाधव के मामले को सही ढंग से नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी वकीलों और विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने यह कहकर सरकार की जोरदार आलोचना की है कि तथ्यों को पेश करने में गलती की गई है। पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को सिरे से नकार दिया है। वहीं पाकिस्तान की इस हैकड़ी के पीछे चीन का हाथ माना जा रहा है। पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा है जो भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पाकिस्तान ने बिना देर किए जाधव पर ICJ के फैसले को जैसे खारिज कर दिया उससे नया सवाल खड़ा हो गया है कि क्या आईएसजे के फैसले को न मान कर पाकिस्तान यूएन में जाना चाहता है। यूएन में चीन के वीटो का साथ पाकिस्तान को मिल जाएगा, जैसे जैश के मुखिया मसूद अजहर पर वीटो पर चीन ने बचाया।
कटघरे में चीन
जाधव मामले में पाकिस्तान का साथ देना चीन को भी कटघरे में खड़ा सकता है क्योंकि मौजूदा वक्त में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के 15 जजों की कतार में चीन के भी जज जियू हनक्वीन भी हैं और फैसला सुनाते हुए दो बार रोनी अब्राहम ने सर्वसम्मति से दिए जा रहे फैसले का जिक्र किया था। एक तरफ चीन के जज अगर फैसले के साथ है तो फिर मामला चाहे यूएन में चला जाए, वहां चीन कैसे पाकिस्तान के लिए वीटो कर सकता है। चीन को हर कदम सोच कर उठाना पड़ेगा क्योंकि वह अपने ही जाल में फंस सकता है।
जाधव के घर मनी दिवाली, लगे ‘भारत माता की जय’ के नारे
कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उनके दोस्तों एवं शुभचिंतकों ने पटाखे छोड़कर जश्न मनाया। जाधव के दोस्तों ने लोअर परेल इलाके में और उनके पड़ोसियों ने पवई इलाके में स्थित जाधव के सिल्वर ओक अपार्टमेंट की इमारत के बाहर पटाखे छोड़े। इमारत के बाहर जमा हुई भीड़ ने इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। हालांकि अब जाधव का परिवार वहां अब नहीं रह रहा है, उनके घर पर ताला लगा हुआ है।
अब आगे क्या
इंटरनैशनल कोर्ट अब पाक की मिलिट्री कोर्ट की तरफ से जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा के मैरिट्स पर सुनवाई करेगा। दलीलें पेश करने का मौका मिलने पर भारत बताएगा कि पाक कोर्ट के फैसले में कितनी खामियां हैं। पाक के पास भी एक रास्ता मौजूद है। वह इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले के खिलाफ यू.एन. में जा सकता है। वह सिक्योरिटी काऊंसिल में अपील कर सकता है।
पाक ने की ये गलतियां
> एक्सपर्ट के मुताबिक पाक को इंटरनैशनल कोर्ट नहीं जाना चाहिए था। मामला अपने स्तर पर निपटाना चाहिए था।
> टीम बिना तैयारी के ही अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट पहुंच गई। टीम ने अपनी बात आधे घंटे में ही खत्म कर दी।
> जो वकील भेजे गए उन्हें अनुभव ही नहीं था कि इतने बड़े मामले को कैसे हैंडल किया जाए।
>पाक का केस और उसकी दलीलों की बुनियाद ही काफी कमजोर थी। जासूसी वाली बात को ही पाक ठीक तरीके से पेश नहीं कर पाया।
>असल मुद्दा कॉन्स्यूलर एक्सैस था। हम क्यों नहीं बता पाए कि यह जासूसी का मामला है और इस तरह के मामलों में कॉन्स्यूलर एक्सैस नहीं दिया जाता।
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