शेर पर मचा शोर! अशोक स्तंभ के डिजाइन पर विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार का पलटवार
punjabkesari.in Tuesday, Jul 12, 2022 - 11:27 PM (IST)
नई दिल्लीः राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को विपक्ष पर पलटवार करते हुए जोर दिया कि यदि सारनाथ स्थित राष्ट्रीय प्रतीक के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर बने प्रतीक के आकार को छोटा किया जाए, तो दोनों में कोई अंतर नहीं होगा। विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं ने सरकार पर अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले' शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण कर राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे तत्काल बदलने की मांग की।
पुरी के मंत्रालय पर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण का जिम्मा है। उन्होंने कहा कि दो संरचनाओं की तुलना करते समय कोण, ऊंचाई और माप के प्रभाव की सराहना करने की आवश्यकता है। मंत्री ने ट्वीट किया कि यदि कोई व्यक्ति नीचे से सारनाथ प्रतीक को देखता है, तो वह उतना ही शांत या क्रोधित दिखाई देगा, जितना बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मूल प्रतीक की वास्तविक प्रतिकृति नई इमारत पर लगाई जाती है, तो वह दूर से नहीं दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि 'विशेषज्ञों' को यह भी पता होना चाहिए कि सारनाथ में रखा गया मूल प्रतीक जमीन पर है जबकि नया प्रतीक जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है।
If an exact replica of the original were to be placed on the new building, it would barely be visible beyond the peripheral rail.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 12, 2022
The 'experts' should also know that the original placed in Sarnath is at ground level while the new emblem is at a height of 33 mtrs from ground. pic.twitter.com/JLxMMMAq80
पुरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "अगर सारनाथ स्थित प्रतीक चिन्ह के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर लगे प्रतीक के आकार को छोटा कर दिया जाए तो दोनों में कोई फर्क नहीं दिखेगा।'' पुरी ने सारनाथ स्थित प्रतीक चिन्ह की एक तस्वीर भी ट्वीट की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नये संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था। इस दौरान आयोजित समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश उपस्थित थे।