राज्यसभा में विपक्ष को भी खली अरुन जेटली और जेठमलानी की कमी

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 07:56 PM (IST)

नई दिल्लीः राज्यसभा में सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री तथा सदन के पूर्व नेता अरुण जेटली तथा राम जेठमलानी एवं तीन पूर्व सदस्यों जगन्नाथ मिश्र, सुखदेव सिंह लिबरा एवं गुरदास दासगुप्ता को श्रद्धांजलि दी गई और इन नेताओं के सम्मान में बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के शीतकालीन सत्र की आज शुरूआत हुई और उच्च सदन में एक नयी बात देखने को मिली।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने जेटली, जेठमलानी, मिश्र, लिबरा एवं दासगुप्ता के निधन का जिक्र किया और उन्हें श्रद्धांजिल दी। इसके बाद उन्होंने विभिन्न दलों के नेताओं को को भी दिवंगत सदस्यों के बारे में अपनी बात रखने और श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी। पूर्व में पूरे सदन की ओर से सभापति ही दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देते थे। इसके पश्चात दिवंगत नेताओं के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा जाता था।

वर्तमान सदस्य के निधन पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी जाती थी। पूर्व सदस्य के निधन पर श्रद्धांजलि देने के बाद नियत एजेंडा के तहत विधायी कामकाज होता था। लेकिन आज सभापति ने विभिन्न दलों के नेताओं को अपने अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति दी। इसके बाद उन्होंने दिवंगत नेताओं के सम्मान में दोपहर बारह बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, बैठक शुरू होने पर राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद सभापति ने जेटली, जेठमलानी, मिश्र, लिबरा एवं दासगुप्ता के निधन का जिक्र किया। ज्यादातर सदस्यों ने सदन में कहा कि अलग अलग दलों में होने की वजह से वैचारिक मतभेद थे इसके बावजूद जेटली के साथ उनके निजी रिश्ते थे।

सदन के नेता थावरचंद गहलोत, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, भाजपा सदस्य जे पी नड्डा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, बीजद के प्रसन्न आचार्य, राकांपा के शरद पवार, जदयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह, टीआरएस के डॉ केशव राव, भाकपा के टी के रंगराजन और शिवसेना के संजय राउत सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने जेटली एवं जेठमलानी, मिश्र तथा दासगुप्ता के साथ मिले अपने निजी अनुभव भी साझा किए। सदस्यों ने कहा कि सदन में जेटली और जेठमलानी की कमी उन्हें महसूस होगी।

 


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Yaspal

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