महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में एक बार फिर निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों पर निगाहें

punjabkesari.in Saturday, Jun 18, 2022 - 06:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सामने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में अपने सभी 6 उम्मीदवारों को जिताने की चुनौती पेश आ गई है, जिसके लिये उसे एक बार फिर निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों की ओर देखना पड़ रहा है। सात जुलाई को 9 विधान पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है जबकि 10वीं सीट पर इस साल की शुरुआत में भाजपा पार्षद के निधन के कारण चुनाव कराया जा रहा है। इन सीटों के लिये 20 जून को मतदान होना है। इन 10 सीटों के लिये कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। एमवीए में शामिल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं जबकि भाजपा ने पांच उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

इससे पहले 10 जून को राज्यसभा की छह सीटों के लिये हुए चुनाव में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और संख्याबल एमवीए के पक्ष में होने के बावजूद पार्टी ने तीनों सीटें जीत ली थीं। एमवीए को झटका देते हुए भाजपा के तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक ने शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार को हरा दिया था। कहा जा रहा है कि निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया, जिसके चलते एमवीए उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। अगले सप्ताह होने वाले विधान परिषद चुनाव इसलिये और दिलचस्प होने की उम्मीद है कि इसमें गुप्त मतपत्रों के जरिये किया जाएगा।

राज्यसभा चुनाव में सदस्यों को अपनी-अपनी पार्टी द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि को अपना मतपत्र दिखाना होता है, लेकिन विधान परिषद चुनाव में मतपत्र को गुप्त रखा जाएगा, जिसके चलते 'क्रॉस वोटिंग' की आशंका बढ़ गई है। साथ ही इस बात को लेकर भी संशय बढ़ गया है कि निर्दलीय सदस्य किसे अपना वोट देंगे। कांग्रेस और राकांपा के नेता समर्थन के लिए छोटे दलों और निर्दलीय सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव के लिए एमवीए रणनीति को ठीक करने के सिलसिले में पिछले दो दिन शिवसेना अध्यक्ष व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा की। एमवीए चाहता है कि विधान परिषद चुनाव में जीत के लिये उसे राज्यसभा चुनाव की तरह अंत तक निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों की ओर न देखना पड़े।

महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल विधायकों की संख्या 285 है। छोटे दलों और निर्दलीय के खाते में 25 विधायक हैं। विधान परिषद चुनाव में किसी उम्मीदवार को जीत के लिये 26 वोट की जरूरत होगी। भाजपा के पास 106, शिवसेना के पास 55, कांग्रेस के पास 44 और राकांपा के पास 52 विधायक हैं। भाजपा ने चुनाव में पांच उम्मीदवार उतारे हैं और वह अपने संख्या बल के दम पर चार सीटों पर जीत हासिल कर सकती है जबकि दो-दो उम्मीदवार उतारने वालीं शिवसेना और राकांपा को दो-दो सीटों पर जीत मिल सकती है। हालांकि दो उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस अपने संख्या बल के दम पर केवल एक सीट जीत सकती है। दूसरी सीट पर जीत हासिल करने के लिये उसे निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों का समर्थन हासिल करना होगा।

 


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Content Editor

rajesh kumar

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