ओमीक्रोन ने त्योहारी मौसम का उत्साह किया कम, आतिथ्य उद्योग चिंतित

punjabkesari.in Friday, Dec 24, 2021 - 04:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: निश्चित तौर पर यह खुशियों का मौसम है और ऐसे मौके पर आतिथ्य क्षेत्र में सुधार की अपेक्षा की जा रही थी, क्योंकि क्रिसमस और मौजूदा वर्ष को अलविदा कहने तथा नववर्ष के स्वागत के लिए होने वाली पार्टियों से इस क्षेत्र को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन के प्रसार तथा कुछ स्थानों पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद एक बार फिर से इस उद्योग की चिंताएं बढ़ गयी हैं। यद्यपि क्रिसमस पर कई शहर रोशनी से जगमगा उठे हैं, लेकिन वर्षांत और नववर्ष के आगमन पर होने वाली पार्टियों पर एक बार फिर कोविड-19 का असर दिखता प्रतीत होता है, लेकिन इस बार नये स्वरूप ओकीक्रोन की वजह से। यह बात और है कि कई रेस्तरां और होटल क्रिसमस और नए साल के उत्सव के लिए योजनाएं तो बना रहे हैं, लेकिन अनिश्चितताओं और भय के माहौल में, क्योंकि कोरोना की एक और लहर जल्द ही आने की आशंका व्याप्त है। दिल्ली हो या मुंबई, कोलकाता हो या बेंगलुरु, वर्षांत और नववर्ष पर आयोजनों के प्रति उम्मीदें जगी हैं, लेकिन साथ ही इस बात को लेकर भी एक ऊहापोह की स्थिति है कि आखिर आने वाले समय में क्या होगा। राष्ट्रीय राजधानी में, जहां दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बढ़ते ओमीक्रोन मामलों के मद्देनजर क्रिसमस और नए साल के लिए लोगों का जमावड़ा नहीं लगना चाहिए, वहीं रेस्तरां मालिकों ने इस निर्देश पर अधिक स्पष्टता की मांग की है।

रेस्तरां मालिकों का कहना है कि डीडीएमए का आदेश बार और रेस्तरां को 50 प्रतिशत तक बैठने की क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति देता है, लेकिन इसमें यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि वे क्रिसमस और नए साल की पार्टियों की मेजबानी कर सकते हैं या नहीं। ‘रास्ता' और ‘येति' के सह-साझेदार जॉय सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम पार्टी कर सकते हैं या नहीं, इस पर स्पष्टता नहीं है। हमें उम्मीद है कि सरकार 31 दिसंबर से पहले स्पष्टीकरण जारी करेगी।'' शहर के बीचोंबीच स्थित खान मार्केट में एक रेस्तरां मालिक ने कहा कि यह उनके कायाकल्प का समय है, लेकिन ऐसा शायद ही हो। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे थे कि (डीडीएमए के) आदेश से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन हमें 50 प्रतिशत ग्राहकों से ही समझौता करना होगा। महामारी के बाद से हम लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं... हम समझते हैं कि ओमीक्रोन का खतरा है, लेकिन जब अन्य क्षेत्र पूरी तरह से काम कर रहे हैं, तो हमारे उद्योग को क्यों निशाना बनाया जाए?'' अंग्रेजी समाचार ऐप ‘इनशॉर्ट्स' के एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली के लगभग 63 प्रतिशत निवासियों ने कहा कि वे ‘घर पर ही रहेंगे' जबकि 29 प्रतिशत ने कहा कि वे ‘कम संख्या वाली पार्टी' का हिस्सा बनना चाहेंगे। सर्वेक्षण में शामिल 15,000 लोगों में से चार प्रतिशत ने कहा कि वे इस अवसर पर बाहर खाना या यात्रा करना पसंद करेंगे। कर्नाटक में, राज्य सरकार ने कहा है कि 31 दिसंबर से दो जनवरी तक न कोई पार्टी होगी, न कोई डीजे, जबकि 50 प्रतिशत की सीमा लागू रहेगी। कुछ समूहों ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति पर प्रतिबंध लगाने के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर बंद की घोषणा की है।

समिति ने हाल ही में बेलगावी में 19 वीं शताब्दी के योद्धा संगोली रायन्ना की प्रतिमा को कथित रूप से विरूपित किया था। तमिलनाडु में भी मिजाज साफ तौर पर कमजोर प्रतीत हो रहा है। रेजीडेंसी ग्रुप के सीओओ गोपीनाथ बी ने कहा कि उन्हें सरकार से आधिकारिक पत्राचार की प्रतीक्षा है। उन्होंने कहा कि यदि पाबंदी लगी तो उत्सव मंद हो जाएगा; यदि नहीं, तो नए साल की पूर्व संध्या पर एक बड़ा उत्सव होगा, जो पूरी तरह से डीजे के साथ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड न केवल आतिथ्य उद्योग, बल्कि अन्य प्रकार के उद्योगों को भी प्रभावित करेगा... हम एक और तबाही में फंसने के बजाय बहुत सावधान रहना चाहते हैं।'' मुंबई में भी लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन अनिश्चितता का माहौल वहां भी बरकरार है।

 


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Content Editor

Hitesh

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