बडगाम में सीआरपीएफ की गोलीबारी में युवक की मौत के मामले में उमर ने निष्पक्ष जांच की मांग की
punjabkesari.in Thursday, May 14, 2020 - 12:56 PM (IST)
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को बडगाम जिले में सीआरपीएफ की गोलीबारी में एक युवक की मौत के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। उमर ने ट्वीट किया,"दुर्भाग्यपूर्ण। गोली चलाने की परिस्थितियों की जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए और नतीजा सार्वजनिक होना चाहिए। मृतक के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।" पुलिस ने बताया कि मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में श्रीनगर-गुलमर्ग राजमार्ग पर सीआरपीएफ के जवानों ने एक कार को रुकने का इशारा किया। हालांकि कार चालक ने अनदेखी करते हुए संदिग्ध तरीके से दो जांच बिंदुओं को पार कर लिया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "पार्टी ने गाड़ी को भगाने की कोशिश को नाकाम करने के लिए कार पर गोली चला दी। घटना में कार चालक घायल हो गया।"
उन्होंने बताया कि युवक को श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मृतक की पहचान बडगाम के मखामा बीरवाह निवासी मेहराजुद्दीन के तौर पर की है। युवक के परिवार द्वारा पुलिस के दावे को खारिज किये जाने वाली खबरों का जिक्र करते हुए उमर ने कहा, "कोई घटना के आधिकारिक वक्तव्य पर भरोसा नहीं करेगा क्योंकि राजभवन में रहने वाले लोगों से लेकर नौकरशाह तक सब जनता से झूठ बोलते हैं जैसा उन्होंने पिछले साल अगस्त में किया था।" उनका इशारा पिछले साल अगस्त में तत्कालीन राज्यपाल एस पी मलिक और वरिष्ठ अधिकारियों के इस बयान की ओर था कि अनुच्छेद ३७० को कोई खतरा नहीं है जिसे बाद में केंद्र ने समाप्त कर दिया।
As expected family & eyewitnesses dispute the official version of the shooting today and as expected no one will believe the official version. This is what happens when everyone from occupants of Raj Bhavan to bureaucrats lie to people as they did in August last year.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 13, 2020
उमर ने कहा, "अपेक्षा अनुरूप परिवार और चश्मदीद, आज गोलीबारी को लेकर आधिकारिक पक्ष से इत्तेफाक नहीं रखते और उम्मीद है कि कोई आधिकारिक बयान को नहीं मानेगा।" मेहराजुद्दीन के परिवार ने संवाददाताओं से कहा कि उसने कार रोकी थी लेकिन सीआरपीएफ के जवान ने फिर भी गोली चला दी। परिवार के अनुसार,"अपने रिश्तेदार को काम पर लेकर जा रहा था। पहले जांच बिंदु पर उसके रिश्तेदार ने आईडी कार्ड दिखाया और उन्हें जाने दिया गया। लेकिन दूसरे जांच बिंदु पर उसके रिश्तेदार ने जहां जवानों को परिचय पत्र दिखाया, वहीं मेहराज कार से उतरा और सीआरपीएफ के एक जवान ने उसे गोली मार दी।"