नेपाली PM ओली ने भारत से कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख हासिल करने की कसम दोहराई

punjabkesari.in Sunday, Jan 10, 2021 - 05:57 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच  सत्तारूढ़ दल व  विपक्ष आमने-सामने हैं। विपक्ष  के साथ-साथ ओली अपनी ही पार्टी के निशाने पर भी हैं। संसद भंग करने के बाद फिर से सरकार बनाने की जुगत में लगे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली भारत के खिलाफ साजिशें रचने से  बाज नहीं आ रहे हैं। रविवार को नैशनल असेंबली की मीटिंग में ओली ने एक बार फिर भारत से कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख का कब्जा अपने हाथ में लेने की प्रतिज्ञा दोहराई है।

 

दिलचस्प बात है कि ओली पर इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों, बढ़ती बेरोजगारी और कोरोना वायरस की महामारी को रोकने में विफल रहने के लिए ओली भारत के साथ सीमा विवाद को हवा देते रहते हैं। मीडिया के मुताबिक ओली ने दावा किया है कि सुगौली समझौते के मुताबिक महाकाली नदी के पूर्व पर स्थित ये तीनों क्षेत्र नेपाल के हैं। उन्होंने कहा है कि भारत से कूटनीतिक बातचीत के जरिए इन्हें वापस लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद से भारतीय सेना जहां तैनात हुई, नेपाल के शासकों ने कभी उन क्षेत्रों को हासिल करने की कोशिश नहीं की है।

 

ओली ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और चीन, दोनों के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने की दिशा में काम किया है और इन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। पीएम ने चीन के सथ रोड कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए अरानिको हाइवे के विस्तार का जिक्र किया। साथ ही यह भी बताया कि तिब्बत में केरुंग के साथ कनेक्टिविटी के लिए टनल बनाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। ओली ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले नेपाल पहुंचे भारत और चीन के उच्च अधिकारियों के दौरों को लेकर चिंता नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ संबंध अच्छे करना चाहते हैं। इसलिए अपनी चिंताएं साफ-साफ उसके सामने रख रहे हैं।

 

 


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Tanuja

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