ऑफ द रिकॉर्डः महाराष्ट्र में सरकार बनाने में देरी क्यों?
punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 04:21 AM (IST)
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने वैकल्पिक और स्थिर सरकार के गठन हेतु आमंत्रण देने के लिए 4 आसान शर्तें रखी थीं जिसे पूरा करने के लिए शिवसेना इधर-उधर दौड़ लगा रही है। राज्यपाल ने शिवसेना और राकांपा के नेताओं से कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने को लेकर कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्हें सहयोगी पाॢटयों के प्रत्येक विधायक का समर्थन पत्र सौंपना होगा। कोश्यारी ने उनके समक्ष 4 शर्तें रखी हैं।
पहली शर्त है कि प्रत्येक विधायक को समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे। दूसरी शर्त के मुताबिक हस्ताक्षर केवल नीली स्याही में होने चाहिएं। तीसरी शर्त यह है कि उन्हें प्रमाणित करना होगा कि समर्थन पत्र जबरन नहीं लिया गया। चौथी शर्त में कहा गया है कि पाॢटयों के नेताओं को समर्थन पत्र देना होगा। अब सवाल यह है कि 160 से ज्यादा विधायकों के हस्ताक्षर कौन और कैसे लेगा? शिवसेना के विधायकों की संख्या 56 है जिनमें से 48 ने तो हस्ताक्षर कर दिए हैं लेकिन 8 विधायक ऐसा करने के इच्छुक नहीं हैं। राकांपा के भी 5 विधायक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करना नहीं चाहते।
इस बारे संपर्क किए जाने पर संजय राऊत ने कहा कि जब भी हम राज्यपाल से मिलेंगे हम लिखित में समर्थन पत्र सौंपेंगे ताकि उन्हें संतुष्ट किया जा सके कि हम स्थिर सरकार बनाने में सक्षम हैं। राज्यपाल कोश्यारी ने लिखित में समर्थन पत्र इसलिए मांगा है क्योंकि शिवसेना अपने विधायकों को एक होटल में ले गई थी और कहा जा रहा है कि उन्हें समर्थन देने के लिए मजबूर किया गया। संजय राऊत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
जब उनसे पूछा गया कि क्या विधायकों के हस्ताक्षर हासिल कर लिए गए हैं तो उन्होंने कहा कि हम एक-एक कदम आगे बढ़ेंगे। राऊत ने दावा किया जब राज्यपाल समक्ष सरकार गठन का दावा पेश किया जाएगा तो और भी विधायक हमसे जड़ने के लिए आगे आएंगे।