ऑफ द रिकॉर्ड: सोनिया गांधी हुईं बीमार, राहुल ने संभाला मोर्चा

punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2019 - 08:41 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को शुक्रवार को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था लेकिन वह अचानक बीमार पड़ गईं। इसके चलते 10 जनपथ के समक्ष एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई क्योंकि ऐन मौके पर चुनावी रैली को रद्द करना ठीक नहीं होता। सौभाग्य से उस वक्त राहुल गांधी दिल्ली में ही थे लेकिन वह हरियाणा जाने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने अब तक सिर्फ एक ही बार फरीदाबाद जिले के नूंह में एक रैली को संबोधित किया था। तब राहुल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक-दूसरे से नजरें भी नहीं मिलाई थीं। 
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जब सोनिया ने उन्हें अपने विकल्प के तौर पर हरियाणा जाने को कहा तो वह मना नहीं कर पाए। हालांकि इस फैसले से कांग्रेस उम्मीदवार उलझन में फंस गए क्योंकि राहुल गांधी जहां रैली होती है वहां के स्थानीय मुद्दों पर बोलने की बजाय उस पर बोलते हैं जिस बारे वह सोचते हैं। महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली के दौरान उस समय भौंहें तन गई थीं जब राहुल गांधी ने एक बार फिर से राफेल के मुद्दे को उठाया। राफेल मुद्दे को उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी उठाया था जिसमें वह बुरी तरह असफल रहे और पार्टी को मात्र 52 सीटें ही मिली थीं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के शीर्ष नेता इस बात पर नाराज हो गए कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल एक ‘मरे घोड़े’ (राफेल मुद्दा) को हांकने की कोशिश कर रहे हैं। 
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महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार की शुरूआत करते हुए राहुल गांधी ने राफेल जैट लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फ्रांस जाने पर सवाल उठाया था। राहुल ने कहा था कि इस विवादित डील में की गई गलतियों के चलते भाजपा नेताओं को आत्मग्लानि है। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। 
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बहुत से नेताओं का मानना है कि राहुल को राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री पर ज्यादा दोषारोपण नहीं करना चाहिए था क्योंकि इस डील में भ्रष्टाचार को लेकर कोई दस्तावेजी सबूत नहीं थे। जब तक सोनिया गांधी अपनी बीमारी के चलते चुनाव प्रचार नहीं कर पातीं तब तक कांग्रेस नेताओं को राहुल गांधी पर निर्भर रहना पड़ेगा।


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Pardeep

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