ऑफ द रिकॉर्डः एन.पी.आर. पर कौन सही है? गृह मंत्री या जनगणना आयोग?

punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2019 - 06:37 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आर.जी. और सी. सी.आई.) ने अपने गृह मंत्री अमित शाह के दावे का खंडन किया है। इससे पहले अमित शाह ने कहा था कि एन.आर.सी. से एन.पी.आर. का कोई संबंध नहीं है। वहीं आर.जी. और सी.सी.आई. वैबसाइट के एन.पी.आर. पेज लिंक को 19 दिसम्बर, 2019 को अपडेट किया। एन.पी.आर. का उद्देश्य देश में हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान डाटाबेस तैयार करना है। डाटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ-साथ बायोमैट्रिक विवरण शामिल होंगे। 
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एन.पी.आर. पेज लिंक भी यही कहता है, भारत के हर सामान्य निवासी के लिए एन.पी.आर. में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। एक सामान्य निवासी को एन.पी.आर. के उद्देश्यों के लिए परिभाषित किया जाता है, जो पिछले 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहता है या एक व्यक्ति जो अगले 6 महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में निवास करने का इरादा रखता है। आर.जी. और सी.सी.आई. अधिसूचना बहुत ही स्पष्ट है। इसके अनुसार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर.) देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है और नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता 2003 (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमों के तहत तैयार किया गया है। 
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एन.पी.आर. नोटिस में कहा गया है कि जनसांख्यिकी विवरणों के तहत, प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए व्यक्ति के जनसांख्यिकीय विवरणों की आवश्यकता होती है। ये निम्नानुसार हैं-व्यक्ति का नाम, घर के मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पति का  नाम (यदि विवाहित है), लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्म स्थान, राष्ट्रीयता (घोषित), सामान्य निवास का वर्तमान पता, अवधि वर्तमान पते, स्थायी आवासीय पते, व्यवसाय/गतिविधि और शैक्षिक योग्यता शामिल हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है, पहला एन.पी.आर. यू.पी.ए. के कार्यकाल के दौरान किया गया था जब पी. चिदम्बरम केंद्रीय गृह मंत्री थे, लेकिन 2015 में डोर टू डोर सर्वे करके उसी एन.पी.आर. डाटा बेस को अपडेट किया गया था। 
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आर.जी. और सी.सी.आई. का कहना है कि कार्य के लिए जानकारी का डिजीटलीकरण पूरा हो चुका है और 2020 की जनगणना और एन.पी.आर के संचालन के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की जा चुकी है इसलिए आश्चर्य है कि जनगणना और एन.पी.आर. अभ्यास करने वाली विभाग की वैबसाइट गृह मंत्री के विपरीत क्यों है?


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Pardeep

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