ऑफ द रिकॉर्डः मोदी ने इतिहास में नाम दर्ज किया

punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2020 - 05:22 AM (IST)

नई दिल्लीः 5 अगस्त का दिन इतिहास में दर्ज किया जाएगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में इस दिन लाखों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए भूमि पूजन किया। मोदी न केवल भूमि पूजन व राम मंदिर निर्माण समारोह की शुरूआत के मुख्य अतिथि हैं, वे भविष्य में भव्य राम मंदिर निर्माण के गवाह भी बनेंगे। 
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उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि वह चाहते हैं कि अगले 30-32 माह में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर के निर्माण के लिए धन जुटाने हेतु विश्वव्यापी अभियान चलाया जाएगा और केंद्र मंदिर निर्माण के लिए शायद कोई धनराशि नहीं दे सके। हालांकि, केंद्र वेटिकन शहर या मक्का की तर्ज पर एक आदर्श धार्मिक टाऊनशिप के रूप में अयोध्या के विकास के लिए उदारतापूर्वक निधि प्रदान कर सकता है।
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राम मंदिर के निर्माण के लिए मोदी की व्यक्तिगत संतुष्टि भी है कि 1990 में जो उनका मिशन था वह 30 साल बाद पूरा हुआ। इस तरह मोदी ने इतिहास रचा है। यह मोदी थे, जो 25 सितम्बर, 1990 को सोमनाथ मंदिर से शुरू हुई लालकृष्ण अडवाणी की राम मंदिर रथ यात्रा के मुख्य आयोजक थे। उन्होंने सोमनाथ मंदिर से अडवाणी के रथ के सारथी के रूप में कार्य किया। यह मोदी ही थे जो अडवाणी को सोमनाथ मंदिर सेे मुंबई ले गए और स्वर्गीय प्रमोद महाजन को रथ यात्रा की बागडोर सौंपी। अडवाणी पूरे देश में यात्रा के मुख्य आयोजक थे तो कार्यक्रम में मोदी गुजरात के प्रभारी थे। 
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1528 में बाबर द्वारा जब अयोध्या में राम मंदिर पर मस्जिद बनाई गई तो हिंदुओं के साथ अन्याय हुआ। इसके 492 साल बाद मोदी ने उसी स्थान पर राम मंदिर निर्माण का नींव पत्थर रखा। मोदी ने बुधवार को अपने भाषण में कहा कि यह सदियों के इंतजार की समाप्ति है। इसके साथ ही जाहिर है कि मोदी का नाम इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज किया जाएगा जो राम मंदिर निर्माण के वास्तुकार और अडवाणी रथ यात्रा के सारथी भी थे। 


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Pardeep

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