ऑफ द रिकॉर्ड: केजरीवाल कर रहे मोदी की जय-जयकार, भाजपा हैरान

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 04:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हरियाणा, महाराष्ट्र तथा झारखंड, जहांं शीघ्र ही चुनाव होने जा रहे हैं, के मामले में भाजपा बेशक सातवें आसमान पर है लेकिन दिल्ली विधानसभा के मामले में उसके सामने कई समस्याएं हैं। आगामी मुश्किलों को भांपते हुए पार्टी ने निर्मला सीतारमण की जगह वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली के मामलों का प्रभारी बनाया है। 
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हालांकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 महीने बाद होने हैं लेकिन जावड़ेकर ने जीत की रणनीति बनाने के लिए अभी से जिला स्तरीय बैठकें कर सुझाव लेना शुरू कर दिया है। भाजपा ने पिछले 21 वर्ष से दिल्ली विधानसभा का चुनाव नहीं जीता है। पार्टी के सामने बड़ी चुनौती यह है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा दिल्ली निवासियों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं और उपहारों की काट कैसे करे। 
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जावड़ेकर ने स्थानीय नेतृत्व को सलाह दी है कि कल्याणकारी योजनाओं के मामले में केजरीवाल की अनावश्यक आलोचना न करें। केजरीवाल के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का आकलन किया जा रहा है। भाजपा इस बात को लेकर भी चकित है कि पिछले कुछ महीनों से केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लेकर आलोचना करना क्यों छोड़ दिया है? भाजपा ने संसद में अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में वोट दिया था। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माने का भी समर्थन किया था। 
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भाजपा की एक अन्य समस्या यह है कि क्या वह विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजैक्ट करे या नहीं अथवा इसे भाजपा बनाम केजरीवाल बनाए? इस मामले में भाजपा इसलिए भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है क्योंकि वह 2015 में भी किरण बेदी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजैक्ट करके अपनी उंगलियां जला चुकी है। जब एक भाजपा नेता ने जावड़ेकर से अनधिकृत कालोनियों के निवासियों के लिए राहत की बात कही तो मंत्री ने उन्हें सलाह दी कि इस मुद्दे पर मीडिया में बात न करें। यह मामला सरकार के ध्यान में है।
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली में अनधिकृत कालोनी वासी एक बड़ा वोट बैंक हैं क्योंकि वे शहर की जनसंख्या का 30-35 प्रतिशत हैं। जावड़ेकर ने स्थानीय नेताओं को निर्देश दिया है कि वे भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस और उसके पोस्टर ब्वॉय चिदम्बरम के खिलाफ मजबूत अभियान चलाएं। भाजपा को शक है कि कांग्रेस और ‘आप’ के बीच कुछ अंदरूनी सांठगांठ है और वह इसे एक अवसर में बदलना चाहते हैं।


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Pardeep

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