ऑफ द रिकॉर्डः भारत ने बजट के जरिए चीन-नेपाल को दिया झटका
punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 04:53 AM (IST)
नेशनल डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शनिवार को पेश किए गए बजट से चीन और नेपाल को करारा झटका लगा है। ऐसा लगता है कि इस मसले पर फैसला प्रधानमंत्री के स्तर पर लिया गया जिन्होंने कहा कि चीजों को पहले की तरह नहीं छोड़ा जा सकता। दरअसल प्रधानमंत्री इस बात से नाराज थे कि नेपाल को पूरी सहायता और समर्थन दिए जाने के बावजूद वह चीन के साथ नजदीकी बढ़ाता जा रहा था।
ऐसे में 2020-21 के बजट में नेपाल को मिलने वाली आॢथक सहायता को एक-तिहाई तक कम कर दिया गया है। यह नेपाल की ओर से चीन से नजदीकियां बढ़ाने का ही परिणाम है कि उसको मिलने वाली आर्थिक सहायता को 33 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। उसे अब 400 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। 2018-19 के वित्त वर्ष में उसे 7.63 बिलियन रुपए सहायता मिली थी। इसे 2019-20 के बजट में बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपए कर दिया गया क्योंकि पी.एम. नेपाल से मजबूत संबंधों के पक्षधर थे लेकिन वर्ष 2020-21 के बजट में नेपाल की सहायता में बड़ी कटौती की गई है। हालांकि इसके बावजूद वह भारत से सहायता पाने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है और उसे मदद के तौर पर 800 करोड़ रुपए मिलेंगे।
उधर चीन को भी झटका देते हुए भारत ने वहां से आयात होने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क काफी बढ़ा दिया है। ऐसा लगता है कि चीन के साथ भारत का हनीमून पीरियड अब समाप्त हो गया है। चीन में फैले कोरोना वायरस के कारण दुनिया चीन से व्यापारिक संबंधों को कम कर रही है। ऐसे में पी.एम. मोदी भी इस स्थिति का पूरा लाभ लेने का निर्णय कर चुके हैं। 300 से अधिक वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगाने से भारत के घरेलू उद्योग को निश्चित तौर पर लाभ पहुंचेगा। आयात घटने से चीन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
इस प्रक्रिया में सरकार अगले वित्त वर्ष में आयात शुल्क से 1.38 लाख करोड़ रुपए कमाना चाहती है। ऐसा लगता है कि चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए और कोरोना से पैदा हुई स्थिति का लाभ उठाने के लिए मोदी ने ट्रंप से हाथ मिला लिया है जबकि कई अन्य देश पहले ही ड्रैगन से परहेज कर रहे हैं। बेशक कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से हमारे एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को लाभ मिलेगा क्योंकि चीन द्वारा अपना माल यहां डंप करने से उसे नुक्सान हो रहा था। इससे घरेलू उद्योग और रोजगार बढ़ेगा जिससे जी.डी.पी. में भी बढ़ौतरी होगी। यह सरकार की ओर से उठाया गया एक बड़ा कदम है जो वित्तीय हनीमून की समाप्ति का संकेत है। इसके साथ ही इस कदम से भगवा स्वदेशी लॉबी भी खुश रहेगी।
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