ऑफ द रिकॉर्डः 2024 के लिए भाजपा की बड़ी महत्वाकांक्षा
punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2022 - 06:42 AM (IST)
नई दिल्लीः 2014 से चुनाव जीतने के लिए मोदी भाजपा के विजयी कार्ड हो सकते हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी मशीनरी चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक राज्यों को भगवा झंडे के नीचे लाया जा सके।
पर्दे के पीछे काम करने वाले (यहां आर.एस.एस. समझें) बताते हैं कि नई भाजपा जरूरत पडऩे पर राज्यों में क्षत्रियों को बढ़ावा दे रही है। अगर उसने ठाकुरों को यू.पी., उत्तराखंड और हिमाचल में मुख्यमंत्री बनाया हुआ है तो वहीं राजनाथ सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूसरे नंबर पर बरकरार रखा हुआ है। अगर पार्टी गुजरात में एक पाटीदार नेता को लाई, तो महाराष्ट्र में उसने एक मराठा को मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित किया।
एकनाथ शिंदे को अपने ही सबसे भरोसेमंद नेता देवेंद्र फडऩवीस की कीमत पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे का कद छोटा करने के लिए लाया गया है। ओ.बी.सी. को खुश रखने के लिए शिवराज सिंह चौहान को सी.एम. के तौर पर रखा गया है, जबकि राजपूतों को लुभाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं।
भाजपा को हरियाणा, राजस्थान और यू.पी. के कुछ हिस्सों में मदद के लिए एक वरिष्ठ जाट नेता की सख्त जरूरत है। वह जाटों को लुभाने के लिए ही जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति के रूप में लेकर आई है, जो भारत के 75 वर्षों के इतिहास में इस पद पर सुशोभित होने वाले पहले जाट हैं।
हरियाणा में उसके पास पहले से ही दुष्यंत चौटाला के रूप में डिप्टी सी.एम. हैं। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों की 109 लोकसभा सीटों पर आदिवासियों को लुभाने के लिए वह पहली बार एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में लाई है। इस प्रकार, भाजपा का ङ्क्षथक-टैंक 2024 के लिए अथक प्रयास कर रहा है।