ऑफ द रिकॉर्ड: अमित शाह अब क्रिकेट के भी किंग

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 02:52 AM (IST)

नेशनल डेस्क: शनिवार 12 अक्तूबर की रात तक अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष ही थे लेकिन 13 अक्तूबर से वह क्रिकेट के भी किंग बनकर उभरे हैं। वे दिन गए जब सबसे ताकतवर और अमीर खेल संस्था में शरद पवार की बादशाहत थी। 

कुछ समय के लिए दिवंगत अरुण जेतली ने बी.सी.सी.आई. में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन जेतली के निधन और पवार का दबदबा खत्म होने के बाद अमित शाह अब क्रिकेट के किंग हैं। आम धारणा के विपरीत कि अमित शाह बी.सी.सी.आई. अध्यक्ष पद के लिए अपने बेटे जय शाह का समर्थन कर रहे थे, उन्होंने इस पद के लिए प्रोफैशनल के नाम का मजबूती से समर्थन किया। 

शनिवार रात को जब उनके आवास पर देश भर की क्रिकेट एसोसिएशंस के दिग्गज बंद दरवाजों के भीतर बैठक कर रहे थे तो अमित शाह ने अपने बेटे को बी.सी.सी.आई. के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया। पूर्व बी.सी.सी.आई. अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सौरव गांगुली और अन्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष इस बैठक में शामिल हुए। 

बी.सी.सी.आई. अध्यक्ष पद के लिए सौरव गांगुली, बृजेश पटेल, डी.डी.सी.ए. के रजत शर्मा और गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के जय शाह के नामों पर चर्चा हो रही थी। अमित शाह ने अपने बेटे के नाम का विरोध करते हुए कहा कि किसी प्रोफैशनल को इस पद पर नियुक्त करना चाहिए। यहां तक कि एन. श्रीनिवासन ने भी बृजेश पटेल का नाम वापस लेने को मंजूरी दे दी। 

इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि भाजपा का नेतृत्व अपने लांग टर्म राजनीतिक हितों की खातिर भी सौरव गांगुली का समर्थन कर रहा है। ऐसी रिपोर्टें हैं कि अनुराग ठाकुर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह सौरव गांगुली को इस बात के लिए मनाएं कि बी.सी.सी.आई. प्रमुख के तौर पर अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद वह 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार करें। सौरव गांगुली का कार्यकाल 10 महीनों से कम का होगा क्योंकि नए नियमों के मुताबिक 9 साल तक प्रशासनिक भूमिका निभाने के बाद 3 साल के कूङ्क्षलग ऑफ पीरियड पर जाना होता है। 

अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो गांगुली भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे। फार्मूले के तहत जय शाह बी.सी.सी.आई. में सचिव होंगे। इस पूरी कवायद के दौरान अमित शाह का दबदबा बी.सी.सी.आई. में बढ़ा है। 


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Pardeep

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