राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहने पर मचे विवाद के बीच बोले ओडिशा के CM, द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा की गौरवशाली पहचान में नया अध्याय जोड़ा

punjabkesari.in Friday, Jul 29, 2022 - 05:31 PM (IST)

भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में ‘‘मिट्टी की बेटी’’ द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन ने राज्य की गौरवशाली पहचान में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले 22 साल में अपने हस्ताक्षर वाले पहले लेख में पटनायक ने मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के सुखमय अनुभव को साझा किया। मुर्मू देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली राज्य की पहली नागरिक हैं। पटनायक के लेख को उड़िया के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था।

पटनायक ने मुर्मू के शपथ ग्रहण के दौरान बोले गए शब्दों का जिक्र करते हुए अपने लेख की शुरुआत की। उन्होंने लिखा कि ए माट रा कन्या (मैं इस मिट्टी की बेटी)... मैं द्रोपदी मुर्मू ईश्वर के नाम पर शपथ लेती हूं....। पटनायक ने लिखा कि मुर्मू का देश की राष्ट्रपति के पद की शपथ लेना, हर ओडिशावासी के लिए गर्व की बात है। इस ऐतिहासक पल का साक्षी बनना मेरे लिए गर्व की बात है। पटनायक ओडिशा के उन 100 लोगों में शामिल थे, जो 25 जुलाई को मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पद की शपथ लेने के बाद राष्ट्र के नाम दिए गए मुर्मू के संबोधन से बहुत प्रभावित हुए, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके निर्वाचन ने साबित कर दिया है कि देश का गरीब व्यक्ति भी सपने देख सकता है और उन्हें हासिल कर सकता है।

ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के प्रमुख पटनायक ने कहा कि ओडिशा के सभी 4.5 करोड़ लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि सांस्कृतिक रूप से समृद्ध मयूरभंज जिले की एक महिला ने यह उपलब्धि प्राप्त की।... मुर्मू ने हर ओडिशावासी को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रपति का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि वह एक मां भी हैं।

उन्होंने कहा कि सृष्टि के सृजन की प्रतीक के रूप में मां को हमारे समाज में हमेशा एक विशेष स्थान मिला है। सभी माएं समाज और राष्ट्र के लिए शक्ति का स्रोत रही हैं। पटनायक ने राज्य सरकार के ‘‘महिला समर्थक’’ और ‘‘आदिवासी समर्थक’’ प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य में शहरी और ग्रामीण दोनों स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए पहले ही 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जा चुका है और विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण करने की दिशा में काम चल रहा है।


पटनायक ने कहा कि उनके दो दशकों से अधिक के कार्यकाल के दौरान उनकी प्राथमिकता गरीबों, उपेक्षित महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों, विशेषकर आदिवासी भाइयों और बहनों का उत्थान रही है। पटनायक ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में मुर्मू के नाम का प्रस्ताव रखा, तो मैंने तुरंत इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने ओडिशा के सभी विधायकों से मुर्मू का समर्थन करने की अपील की थी। पटनायक ने ओडिशा के लोगों से मुर्मू के दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान करते हुए अपने लेख को समाप्त किया।


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Content Writer

Anu Malhotra

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