उत्तर भारत को अभी गर्मी से नहीं मिलेगी राहत, अगले सप्ताह होगी मानूसन की वापसी

punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2020 - 10:09 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के जाने की शुरुआत अगले सप्ताह के अंत तक होने की संभावना है। वहीं ओडिशा में भारी वर्षा के आसार बन रहे हैं क्योंकि 20 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का एक क्षेत्र बनने की संभावना है। हालांकि उत्तर भारत के मैदानों में तापमान सामान्य से ज्यादा गर्म रहेगा।  

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उल्लेखनीय है कि सफदरजंग वेधशाला के आंकड़ों को शहर का प्रतिनिधि आंकड़ा माना जाता है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में बारिश नहीं होने से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में सितंबर में अब तक 78 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। कुल मिलाकर, एक जून से मानसून शुरू होने के बाद से शहर में 617.8 मिमी सामान्य की तुलना में 576.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। आईएमडी ने यह भी कहा है कि मानसून के दिल्ली में लंबे समय तक रहने और इसके जाने की शुरुआत ‘‘अक्टूबर के शुरुआती दिनों'' में होने की संभावना है। हालांकि दक्षिण पश्चिम मानसून की पश्चिम राजस्थान से वापसी अगले सप्ताह के अंत तक शुरू होने की संभावना है। विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों में मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। 

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उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।  आईएमडी ने इस वर्ष मानसून की वापसी की तारीखों को संशोधित किया है। नयी सारणी के अनुसार, मानूसन के 17 सितंबर को वापस जाने की उम्मीद थी। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र के कारण इसमें देरी हुई है। पश्चिम राजस्थान से दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी से ठंड के लिए भी स्थितियां अनुकूल बनती हैं। मध्य और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अगले दो दिनों के दौरान भारी वर्षा होने की उम्मीद है। आईएमडी ने केरल, गोवा तथा कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में शनिवार के लिए आरेंज चेतावनी जारी की है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और गोवा के लिए रविवार को भी आरेंज चेतावनी जारी की गई है। अभी तक देश में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। ओडिशा में, राज्य सरकार ने जिला प्रशासनों से कहा है कि वह किसी भी बाढ़ जैसी स्थिति और भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार रहें क्योंकि 20 सितंबर के आसपास उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में एक कम तबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव में, ओडिशा के कई हिस्सों में 23 सितंबर तक तेज वर्षा होने की संभावना है। 

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विभाग ने कहा कि इस अवधि के दौरान कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और पास के पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 45-55 किमी प्रतिघंटे की गति से सतही हवा चल सकती है। मौसम केंद्र ने मछुआरों को 20 सितंबर से ओडिशा तट से गहरे समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी है और कहा कि गहरे समुद्र में रहने वालों को रविवार तक तट पर लौटने की सलाह दी जाती है। मौसम के पूर्वानुमान के मद्देनजर, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने जिलाधिकारियों को एक सलाह जारी की और उनसे कहा कि वे बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार रहें। 


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vasudha

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