Budget 2020: छपाई से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य, जिन्हें जानकर हैरान रह जाएंगे आप

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2020 - 10:31 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट को एक फरवरी 2020 को संसद के पटल पर रखेंगी। जबकि, आर्थिक सर्वे 31 जनवरी को पेश होगा। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। हर साल बजट बनाने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में स्थित वित्त मंत्रालय के दफ्तर में बाहरी लोगों और मीडिया के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाती है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ऐसा क्यों किया जाता है?  हम आज आपको बजट तैयार करने से लेकर उसकी छपाई से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं, जिनके बारे में आपको  शायद ही जानकारी होगी। 

बजट एक खुफिया दस्तावेज होता है, ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के अनुसार, बजट डॉक्यूमेंट संसद में पेश होने के पहले तक एक तरह का खुफिया दस्तावेज होता है। अगर बजट से जुड़ी कोई जानकारी लीक होती है, तो फिर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो सकती है। इसलिए बजट को लोगों से छुपा कर रखा जाता है। 

 

1950 तक राष्ट्रपति भवन में होती थी, छपाई

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साल 1950 तक बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रेस में होती थी, लेकिन वहां से बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था। इसके बाद यहां से इसे मिंटो रोड स्थित सरकारी प्रेस में इसकी छपाई होने लगी है। 1980 से बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक स्थित प्रेस में होने लगी है। 

 

संयुक्त सचिव के पास होता है ब्लू शीट रखने का अधिकार

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बजट तैयार करने से पहले एक ब्लू शीट बनती है, जिसमें प्रमुख आर्थिक डाटा रखा जाता है। इसके आधार पर ही बजट को तैयार किया जाता है। इस बजट शीट को वित्त मंत्री भी बाहर नहीं ले जा सकते हैं। इसकी कस्टडी मंत्रालय के संयुक्त सचिव (बजट) के पास रहती है। 

 

विभिन्न लोगों के प्रवेश पर होती है रोक

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वित्त मंत्रालय में मीडिया और अन्य बाहरी मेहमानों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है। इसके साथ ही पूरे मंत्रालय में कर्मचारी निजी ई-मेल का प्रयोग कार्यालय के सिस्टम पर नहीं कर सकते। वहीं, प्रवेश और निकास द्वार पर CISF के अलावा दिल्ली पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात रहते हैं। यह लोग उन लोगों पर नजर रखेंगे, जो बजट बनाने वाले अधिकारियों से मिलने जाएंगे। केवल उन्हीं लोगों को मंत्रालय में प्रवेश मिलता है, जिनको मंत्रालय में कोई जरूरी कार्य है। 

 

10 दिनों तक संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों का संपर्क पूरी दुनिया से काट दिया जाता है

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बजट पेश होने के 10 दिन पहले वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में पूरे बजट की छपाई होती है। बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते है। अधिकारियों व कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है। वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है। साथ ही मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं करता है। केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है। 

 

हलवा सेरेमनी की है परम्परा

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बजट से जुड़ी जाटिल प्रक्रिया को हल्का-फुल्का करने के लिए हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है। छपाई शुरू होने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी होती है। इसमें वित्त मंत्री सबसे पहले हलवा ग्रहण करती हैं। 

 

डॉक्टरों की टीम रहती है मौजूद

वित्त मंत्रालय में 10 दिन के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात रहती है। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बीमार कर्मचारी को भी 10 दिनों के लिए अस्पताल में इलाज कराने की मनाही होती है। 

 

 


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Edited By

Ashish panwar

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