बहू हो तो निहारिका जैसी: कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर उठाकर पहुंची अस्पताल, मदद की जगह लोग खींचते

punjabkesari.in Thursday, Jun 10, 2021 - 02:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना की इस संकट की घड़ी में जहां कई लोग अपनों का साथ छोड़ रहे हैं, ऐसे में असम की रहने वाली निहारिका दास लोगों के लिए मिसाल बन रही है। निहारिका ने बहू होते हुए बेटे का फर्ज निभाया है। दरअसल निहारिका ने अपने कोरोना संक्रमित ससुर को अपनी पीठ पर उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। सोशल मीडिया पर निहारिका की फोटो वायरल होने पर लोग उसकी काफी तारीफ कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि बहू हो तो निहारिका जैसी। इस दौरान जो सबे शर्मनाक बात सामने आई वो यह कि हर कोई निहारिका की फोटो खींचने में बिजी रहा लेकिन कोई भी उसकी मदद करने को आगे नहीं आया। निहारिका कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाकर 2 किमी तक चलकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वो उन्हें बचा नहीं सकी। मामला 2 जून का है।

 

निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे। सुसर को स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए बहू निहारिका ने रिक्शा मंगवाया था लेकिन उनके घर तक ऑटो रिक्शा जाने की सुविधा नहीं थी और थुलेश्वर दास की हालत इतनी खराब थी कि वो खुद ऑटो रिक्शा तक जाने में असमर्थ थे। निहारिका के पति सिलीगुड़ी में रहते हैं। निहारिका का 6 साल का बेटा भी है। निहारिका ने कहा कि मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था इसलिए ससुर  को पीठ पर उठाकर ऑटो तक लेकर गई।  निहारिका की परेशनी यही खत्म नहीं हुई, जब सुसर को लेकर वो स्वास्थ्य केंद्र पहुंची टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

 

डॉक्टर ने कहा कि ससुर की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें 21 किमी दूर नगांव के कोविड हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा। स्वास्थ्य केंद्र की तरफ से भी उसे कोई मदद नहीं मिली, न ही एंबुलेंस दी गई और न ही स्ट्रेचर। ऐसे में उसने प्राइवेट कार करवाई लेकिन इसके लिए भी अपने ससुर को पीठ पर उठाकर काफी दूर तक चलना पड़ा। निहारिका ने बताया कि लोग घूर रहे थे, फोटो खींच रहे थे लेकिन किसी ने यह नहीं पूछा कि कोई मदद चाहिए। इसके बाद जब निहारिका कोविड अस्पताल पहुंची तब भी अपने ससुर को पीठ पर उठाकर उसे सीढ़ियां चढ़नी पड़ीं लेकिन वहां भी कोई मदद को आगे नहीं आया। निहारिका भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। निहारिका को जब फोटो वायरल होने के बारे में पता चला तो उसने कहा कि लोगों को एक-दूसरे की मदद को आगे आना चाहिए। उसने कहा कि सभी ने फोटो में यह देखा कि मैंने अपने ससुर को पीठ पर उठाया है पर किसी ने यह नहीं देखा कि मैं उस समय अकेली थी और मायूस हो चुकी थी। निहारिका और उसके ससुर को गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया। निहारिका के ससुर की सोमवार को मौत हो गई।


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Content Writer

Seema Sharma

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