नेपाल संसद में 'विवादित नक्शे' को मंजूरी देने वाला प्रस्ताव पास, भारत के रुख को लेकर जताई टेंशन

punjabkesari.in Wednesday, Jun 10, 2020 - 09:32 AM (IST)

काठमांडूः नेपाल की भारत के साथ चल रही दोगली नीति आखिर खुलकर सामने आ गई । नेपाल की संसद में मंगलवार को हुई बहस के बाद नए राजनीतिक नक्शे के लिए संविधान संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल गई। नेपाल के उप प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ईश्वर पोखरैल के बातचीत के प्रस्ताव के कुछ ही घंटो बाद नेपाल की संसद ने देश के नए 'विवादित' राजनीतिक नक्शे के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव निचले सदन की प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से पारित कर लिया है। इन नक़्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल में दिखाया गया है।

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प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने के बाद सांसद काफी देर तक टेबल पर तालियां बजाते रहे। यह संविधान संशोधन विधेयक राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा, जिस पर उनके हस्ताक्षर होने के बाद यह क़ानून बन जाएगा। एक ओर जहां सदन में नए मानचित्र और प्रतीक को लेकर बहस हुई, वहीं नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने इस मुद्दे पर भारत के रुख को लेकर चिंता जाहिर की। दक्षिणी नेपाल में सुस्ता जहां दो नदियां सीमा बनाती हैं और लिपुलेख-लिम्पियाधुरा को लेकर भारत और नेपाल के बीच गतिरोध है।

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इससे पहले ईश्वर पोखरैल ने कहा था कि हम भारत के साथ लगातार बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझा लेंगे। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि सीमा पर सेना तैनात करने का कोई मतलब नहीं है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने इस सिलसिले में प्रतिनिधि सभा के समक्ष नए राजनीतिक नक्शे और एक नए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को मान्यता देने का प्रस्ताव रखा था।

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नए नक्शे में नेपाल ने अब आधिकारिक रूप से 1816 में हुई सुगौली संधि के तहत लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र के रूप में दिखाया है। अब संशोधन के बाद कानून बनाकर नेपाल के नए नक्शे में कालापानी और लिपुलेख को दर्शाया जाएगा।संवैधानिक संशोधनों के एक बार पारित हो जाने के बाद यह नेपाल के नये मानचित्र को एक कानूनी स्थिति प्रदान करेगा जिसमें नेपाल भारत के कुछ हिस्सों को अपने हिस्से के रूप में प्रदर्शित करेगा।


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Tanuja

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