नेपाल के प्रधानमंत्री ओली की कुर्सी खतरे में; कैबिनेट की बैठक शुरू, बजट सत्र स्थगित

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 05:01 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत का चीन के साथ सीमा विवाद के बीच ही नेपाल के साथ भी तनाव जारी है। नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी करने के बाद दोनों देशों में विवाद गहरा गया है। इसी के चलते नेपाल में सियासी हलचल तेज हो गई है औऱ प्रधानमंत्री केपी ओली की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। भारत विरोधी प्रस्ताव पारित करने को लेकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में ओली से इस्तीफे की मांग की है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेपाल में सियासी संकट के चलते ही बजट सत्र भी स्थगित कर दिया गया है। ओली ने आज सुबह मंत्रियों के साथ परामर्श करने के लिए कैबिनेट की एक इमरजेंसी बैठक की। जिसमें नो कॉन्फिडेंस मोशन से बचने के लिए संसद के बजट सत्र को विघटित किए बिना रद्द करने का फैसला किया गया।

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यह फैसला प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के ब्लूवाटर स्थित सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। ओली को डर है कि अगर संसद का सत्र चला तो उनके ऊपर इस्तीफे को लेकर और दबाव बढ़ेगा।दरअसल चीन की शह पर भारत के साथ उलझे PM ओली अब अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में हैं। इसी संकट को लेकर PM ओली गुरुवार सुबह राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिले। उनसे मुलाकात के बाद PM ओली ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है । ओली इस्तीफा देंगे या नहीं, उनके फैसले की अभी किसी भी मंत्री को जानकारी नहीं है। दरअसल भारत के साथ विवाद के बीच केपी ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग उठ रही है।

PunjabKesariइस बीच अब एक और मांग उठने लगी है कि उन्हें  PM पद के साथ-साथ पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दें।  ओली अभी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ पार्टी के प्रमुख फैसले भी वही लेते हैं लेकिन, बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुवाई में जब से उनका विरोध शुरू हुआ है तब से केपी ओली संकट में हैं।बुधवार को भी PM ओली ने अपने करीबी मंत्रियों और पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन हुआ था। भारत के साथ नक्शा विवाद होने के बाद से ही केपी ओली के खिलाफ पार्टी में आवाज उठ रही है। PunjabKesariइस बीच पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने उनके इस्तीफे की मांग कर दी।  नए कार्यकाल में नेपाल की दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों ने एक साथ आकर सरकार बनाई थी और कार्यकाल दर कार्यकाल पीएम पद पर बात बनी थी। लेकिन, अब जब हालात बिगड़ रहे हैं तो ओली का विरोध शुरू हो गया है।  ओली ने उनकी गद्दी पर आए संकट के पीछे भारत का हाथ बताया था। ओली के बयान पर हैरानी जाहिर करते हुए प्रचंड ने कहा है कि  इस्तीफा भारत नहीं बल्कि वह मांग रहे हैं। प्रचंड ने आरोप लगाया कि सरकार भारत के साथ सीमा विवाद पर बातचीत करने में विफल रही है।


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Tanuja

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