भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: NCP नेता धनंजय मुंडे ने उद्धव को लिखा पत्र, दलितों से केस वापस लेने की मा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2019 - 11:00 PM (IST)

मुंबई: राकांपा नेता और विधायक धनंजय मुंडे ने पुणे में कोरेगांव-भीमा हिंसा से संबंधित मामलों को वापस लिए जाने की मांग की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाणार रिफाइनरी परियोजना और आरे मेट्रो कारशेड प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिए जाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के कुछ दिन बाद मुंडे ने यह मांग की। शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी सरकार में सहयोगी पार्टी राकांपा के नेता मुंडे ने सोमवार को ठाकरे को लिखे एक पत्र में यह मांग की। भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित ‘एलगार परिषद' के सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषण के एक दिन बाद एक जनवरी, 2018 को पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसा हो गई थी। 

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ठाकरे को लिखे पत्र में मुंडे ने दावा किया कि राज्य की पिछली देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत कोरेगांव-भीमा घटनाक्रम में शामिल लोगों के खिलाफ ‘झूठे' मामले दर्ज किए गए थे। मुंडे ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को ‘प्रताड़ित' किया था और उनमें से कई को ‘शहरी नक्सली' बताया था। उन्होंने ठाकरे को लिखे एक पत्र में कहा, ‘मैं मामलों को वापस लेने का अनुरोध करता हूं।'

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कोरेगांव-भीमा हिंसा से संबंधित आपराधिक मामलों को वापस लिए जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘राज्य की पिछली सरकार कोरेगांव-भीमा हिंसा से संबंधित मामूली आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे लोगों के खिलाफ मामले वापस लिए जाने के आदेश पहले ही जारी कर चुकी है।' उन्होंने कहा, ‘मैं पता लगा रहा हूं कि वास्तव में कितने मामले वापस लिए गए हैं।' एलगार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले के सिलसिले में पुणे पुलिस द्वारा कुछ कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) समेत नक्सली संगठनों से संबंध होने के आरोप लगाए थे। इन वामपंथी कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैर कानूनी गतविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए थे।


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shukdev

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