अनुच्छेद 370: नजरबंद के बाद पहली बार फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिले NC नेता
punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 04:12 PM (IST)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद रविवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के नज़रबंद अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से यहां मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक में राज्य के घटनाक्रम और स्थानीय निकाय के चुनाव पर चर्चा की। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल को नजरबंद नेताओं से मिलने की इज़ाजत दी थी।
#WATCH National Conference (NC) leaders Hasnain Masoodi and Akbar Lone meet former J&K CM Farooq Abdullah and his wife Molly Abdullah at their residence in Srinagar pic.twitter.com/G842irK9NJ
— ANI (@ANI) October 6, 2019
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई नेकां के जम्मू संभाग के प्रमुख देवेंद्र सिंह राणा कर रहे थे। प्रतिनिधिमंडल ने हरि निवास में नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्री उमर के साथ करीब 30 मिनट तक बैठक की। उमर को पांच अगस्त को नजरबंद करने के बाद यह पार्टी नेताओं के साथ उनकी पहली बैठक है। केंद्र ने पांच अगस्त को ही राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने का ऐलान किया था। उमर ने पार्टी नेताओं के साथ सेल्फी ली जिसमें वह दाढ़ी में नज़र आ रहे हैं। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल फारूक अब्दुल्ला के घर गया।
बैठक के बाद राणा ने पत्रकारों से कहा कि कोई भी राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए पार्टी नेताओं को रिहा किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि घटनाक्रम को लेकर खासकर लोगों को कैद करने को लेकर नाराज़गी है। हम एक पार्टी के तौर पर अपील करते हैं कि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने तथा लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सभी राजनीतिक कैदियों, चाहे वे मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी के हों या अन्य हों और उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं हो, उन्हें छोड़ा जाना चाहिए, ताकि जम्मू कश्मीर के लोगों के दिलों को जीता जा सके।
राणा ने कहा कि जिस पार्टी के पास विरासत और इतिहास और पुराना ट्रैक रिकॉर्ड है, उसका एकमत से मानना है कि वह लोगों की भलाई के लिए संघर्ष करना जारी रखेगी और राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बरकरार रखने के लिए काम करती रहेगी। प्रखंड विकास समिति के चुनाव में नेकां के हिस्सा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए पूरी तरह से नाकेबंदी है। अगर राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी है तो इन सदस्यों को छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेकां के मामले में, अगर हम बीडीसी चुनाव लड़ना चाहें तो आज्ञा पत्र पर पार्टी अध्यक्ष के हस्ताक्षर होते हैं जो दुर्भाग्य से पीएसए के तहत हिरासत में हैं।
नेकां नेता ने कहा कि जम्मू में राजनीतिक नेताओं की गतिविधियों पर लगी पाबंदियों के हटने के बाद, हमने बैठक में निर्णय किया कि हम राज्यपाल (एसपी मलिक) से संपर्क करेंगे और पार्टी के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष से मुलाकात के लिए उनसे इजज़ात मांगेंगे। उन्होंने कहा कि हम खुश हैं कि दोनों ठीक हैं और उनका मनोबल ऊंचा है। जाहिर तौर पर वे घटनाक्रम को लेकर खासकर लोगों को कैद करने को लेकर दुखी और गुस्सा थे। राणा ने कहा कि जब भी पार्टी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को रिहा किया जाएगा तो पार्टी की कार्यकारी समिति भविष्य की कार्रवाई पर निर्णय करेगी।