उत्तराखंडः 'मनहूस' है ये सरकारी बंगला!, जहां रहते हुए कोई भी CM नहीं कर सका अपना कार्यकाल पूरा

punjabkesari.in Wednesday, Mar 10, 2021 - 01:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड भाजपा में पिछले तीन दिनों से चल रही सियासी उठापठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद मुख्यमंत्री आवास के मनहूस होने की अफवाहें एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उत्तराखंड की राजनीति के इतिहास को देखते हुए देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास को 'मनहूस' माना जाता है। सियासी गलियारे में यह बातें उड़ती रहती हैं कि इसमें रहने वाला मुख्यमंत्री कभी अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाता है। 

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इस बंगले में रावत ने की थी 2 घंटे की विशेष पूजा 
अतीत की कहानियों में तीन मुख्यमंत्रियों के नाम उदाहरण के रूप में भी हैं। इनमें वर्तमान एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के भी नाम हैं। तमाम अफवाहों के बावजूद 2017 में इस घर में त्रिवेंद्र सिंह रावत रहने पहुंचे थे। रावत ने गृह प्रवेश के लिए नवरात्र के दूसरे दिन का मुहूर्त चुना था और इस मौके पर 2 घंटे की विशेष पूजा भी की गई थी। हालांकि रावत का कहना था कि वह ऐसी अफवाहों पर भरोसा नहीं करते। वहीं रावत के इस्तीफे ने एक बार फिर इस बंगले के उन पुरानी कहानियों को जिंदा कर दिया है, जिसमें सीएम के पद को लेकर तमाम अफवाहें शामिल थीं। इस सरकारी आवास में अब तक जितने भी मुख्यमंत्री रहे, वह अपना कार्यकाल पूरा ही नहीं कर पाए। अब त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम इस फेहरिस्त में शामिल हो गया है। 

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ये मुख्यमंत्री नहीं कर सके इस बंगले में अपना कार्यकाल पूरा 
30 करोड़ रुपये की लागत से बने इस सरकारी आवास निर्माण मुख्यमंत्री रहते हुए पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कराया था, लेकिन तब से लेकर अब तक कोई भी मुख्यमंत्री यहां रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। हरीश रावत ने तो अपने कार्यकाल में यहां कदम तक नहीं रखा। त्रिवेंद्र सिंह रावत आए तो उन्हें लगा कि वे अपना कार्यकाल जरूर पूरा कर लेंगे, लेकिन वह भी इस मिथक से अछूते नहीं रहे। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, बीएस खंडूरी और विजय बहुगुणा उत्तराखंड के उन्हीं मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जो इस बंगले में रहे और सत्ता का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

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तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए त्रिवेन्द्र रावत ने दिया इस्तीफा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आखिरकार तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए राज्यपाल को मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का एलान कल हो जाएगा। गौरतलब है कि पिछले करीब एक साल से मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएं उफान पर थी परंतु हर बार मुख्यमंत्री को अभयदान मिलता रहा। हालांकि कई सर्वे में मुख्यमंत्री की छवि को निम्नतम स्तर पर दिखाया गया जिसके कारण बार-बार मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में चल रही थीं। परंतु पिछले दो दिनों में नाटकीय घटनाक्रम में अचानक भाजपा के पर्यवेक्षक रमन सिंह देहरादून पहुंचे उन्होंने सभी विधायकों की राय ली और दिल्ली हाईकमान को रिपोटर् भेजी। इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी दिल्ली गए परंतु शायद वह आलाकमान को अपना पक्ष समझाने में नाकामयाब रहे जिसके बाद आज हाईकमान के आदेश पर उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उत्तराखंड सरकार को चार साल पूरे होने जा रहे हैं ऐसे में लगातार विवादों में रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को आखिरकार जन आकांक्षाओं को पर खरा न उतरने और लोकप्रियता में निचले पायदान पर रहने के कारण फिर निर्णय लिया गया है।

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तीरथ सिंह रावत होंगे उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री
वहीं उत्तराखंड के गढ़वाल से भाजपा के सांसद तीरथ सिंह रावत राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें बुधवार को यहां संपन्न हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता चुना गया। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधायक दल की बैठक के बाद तीरथ सिंह रावत के नाम की घोषणा की। तीरथ सिंह रावत अपराह्न चार बजे राजभवन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह और प्रदेश पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम भी उपस्थित थे। त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।  होने के पहले ही मुख्यमंत्री हो गए 'पूर्व'


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Content Writer

Anil dev

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