कोविशील्ड ब्रिटेन में लगे तो असरदार, भारत की वैक्सीन है बेकार?

punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 01:59 PM (IST)

नई दिल्ली: ब्रिटेन ने भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) को मंजूरी दे दी है। हालांकि ब्रिटेन के वैक्सीन रेसिज्म पर भारत के ऐतराज के बाद ब्रिटेन ने मरहम लगाने की कोशिश की है लेकिन भारतीयों के लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। 

भारत का वैक्सीन प्रोग्राम को नहीं मिली मंज़ूरी
बता दें कि मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के सामने कोविशील्ड (Covishield) को मान्यता न देने का मुद्दा उठाया था। विदेश मंत्री ने कहा था कि कोविशील्ड वैक्सीन की गैर-मान्यता एक भेदभावपूर्ण नीति है।  जिसके ठीक एक दिन बाद बुधवार को ब्रिटेन ने ट्रैवल गाइडलाइंस में ये साफ किया कि वो कोवीशील्ड को अप्रूवड वैक्सीन मानता है,  लेकिन भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम को ब्रिटेन ने अभी भी मंजूरी नहीं दी है. इसका मतलब ये है कि अभी भी भारतीयों को ब्रिटेन जाने पर 10 दिन के लिए क्वारंटीन रहना होगा।  

भारतीयों के लिए ये नियम 
इसके अलावा भारतीयों को ब्रिटेन जाने से 48 घंटे पहले का कोरोना नेगेटिव RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट लेकर जाना होगा।  इसके बाद 10 दिन होम क्वारंटीन रहने के बाद फिर से नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट देनी होगी। इससे भी हैरत की बात ये है कि ब्रिटेन ने नई गाइडलाइंस में उन देशों के नाम लिखे हैं जहां वैक्सीन लगवाने पर उसे अप्रूव माना जाएगा।  इस लिस्ट में भारत का नाम नहीं है. इस लिस्ट में बाहरीन, कुवैत, मलेशिया और ताइवान जैसे देशों के नाम शामिल हैं।  

ब्रिटेन के विदेशी पर्यटकों के लिए नए वीजा नए वीजा नियम 
ब्रिटेन ने नियमों की घोषणा की है।  नए नियमों के मुताबिक यूरोप, ब्रिटेन या अमेरिका के वैक्सीन प्रोग्राम के तहत वैक्सीनेटेड लोगों को ही क्वारंटीन से छूट होगी. ऐसे लोग एयरपोर्ट पर कोरोना का इंस्टंट फ्लो टेस्ट करवाकर बाहर घूमने के लिए आजाद हैं।  यानी किसी व्यक्ति ने अगर यूरोप, ब्रिटेन या फिर अमेरिका में Oxford-AstraZeneca, Pfizer- Moderna या जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन लगवाई है तो नेगेटिव रिजल्ट आने पर वो आजादी से ब्रिटेन में कहीं भी घूम सकता है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति ने इन देशों के अलावा किसी अन्य देश में इन्हीं में से कोई वैक्सीन ही क्यों ना लगवाई हो।  उस व्यक्ति को वैक्सीनेटेजड नहीं माना जाएगा. ऐसे देशों से आने वाले लोगों को ब्रिटेन आने से 48 घंटे पहले RT-PCR टेस्ट करवाना होगा जिसका रिजल्ट नेगेटिव होना चाहिए। 

भारत के साथ पक्षपात क्यों?
इसका मतलब ये है कि भारत से कोविशील्ड वैक्सीन लगवाकर ब्रिटेन गए व्यक्ति को भी अनवैक्सीनेटेड ही माना जाएगा. जबकि इस वैक्सीन को ब्रिटेन की कंपनी AstraZeneca और ब्रिटेन की ही OxFord University ने मिलकर विकसित किया है।  यहां Covxin का नाम इसलिए नहीं है, क्योंकि इस वैक्सीन को अब तक WHO से मंजूरी नहीं मिली है. Oxford-Asterazeneca की ही वैक्सीन है, जिसे World Health Organization से मान्यता मिली हुई है।  इस वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बनाता है।  इस वैक्सीन को यूरोप के 16 देशों ने भी अप्रूव किया है लेकिन ब्रिटेन के हिसाब से उसकी Oxford-Asterazeneca वैक्सीन भारत की Oxford-Asterazeneca से बेहतर है।  ब्रिटेन के इन नए वीजा नियमों पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि खुद ब्रिटेन की सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ 10 करोड़ वैक्सीन डोज का करार किया हुआ है और ब्रिटेन की एक सरकारी स्वास्थ्य संस्था ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा करने के बाद ये घोषणा की थी।

इस पूरे मामले में एक दिलचस्प बात यह भी है कि ब्रिटेन ने अफ्रीका के कई देशों को खुद एस्ट्राजेनेका की लाखों डोज दान में दी थी, लेकिन अगर कोई अफ्रीका में वही वैक्सीन लगवाकर ब्रिटेन जाए तो अब ब्रिटेन उस व्यक्ति को भी वैक्सीनेटेड नहीं मानेगा।  ब्रिटेन के इन नियमों को भारत के विदेश मंत्रालय ने भी भेदभाव पूर्व बताया है। भारत के विरोध के बाद ब्रिटेन ने सफाई दी है कि वो भारत के वैक्सीन प्रोग्राम को अपने यहां मान्यता देने पर विचार कर रहा है। 

ब्रिटेन की वैक्सीनेटेड लिस्ट में ये देश शामिल
नए नियम के मुताबिक  ऑस्ट्रेलिया, एंटिगुआ एंड बरबुडा, बहरीन, ब्रुनेई, कनाडा, डोमिनिका, इजरायल, जापान, कुवैत, मलेशिया, न्यू जीलैंड, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, साउथ कोरिया, ताइवान और UAE से आने वाले लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेटेड माना जाएगा।  यानी ब्रिटेन को कोवीशील्ड से तो दिक्कत नहीं है लेकिन भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम से दिक्कत है।  गौरतलब है कि ब्रिटेन भारतीयों को Non Vaccinated तो मानेगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ब्रिटेन जाने पर आपको फिर से वैक्सीन लगवानी पड़ेगी। 


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Content Writer

Anil dev

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