फेक लग्जरी सामानों के लिए हॉटस्पॉट हैं Facebook और Instagram
punjabkesari.in Saturday, Feb 12, 2022 - 11:10 AM (IST)
नेशनल डेस्क; फेसबुक के मालिकाना हक वाला मेटा प्लेटफॉर्म अपने ऐप पर फेक लग्जरी सामानों को रोकने के लिए स्ट्रगल कर रहा है। शिक्षाविदों, इंडस्ट्री ग्रुप्स और इन्वेस्टिगेटर्स के अनुसार, मेटा के प्लेटफॉर्म नकली लग्जरी सामानों के अपराधियों के लिए हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं। एक प्राइवेट इन्वेस्टिगेशन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर बेनेडिक्ट हैमिल्टन का कहना है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम वो प्रमुख मार्केटप्लेस हैं जहां पब्लिक को नकली सामान बेचा जाता है। 10 साल पहले ऐसा ईबे पर और पांच साल पहले तक अमेजन पर होता था। सोशल मीडिया एनालिटिक्स फर्म घोस्ट डेटा के नेतृत्व वाली इस रिसर्च के मुताबिक, मेटा प्लेटफॉर्म पर नजर आने वाले नकली ब्रैंड गुच्ची, लुई वीटन, फेंडी, प्राडा और शेनल जैसे ब्रांड की नकल करते हैं।
जून से अक्टूबर-2021 के बीच की गई स्टडी के दौरान फर्म ने फेसबुक पर चलाए जा रहे 26,000 से ज्यादा एक्टिव जालसाजों के अकाउंट्स की पहचान की। इंस्टाग्राम पर 20,000 से ज्यादा एक्टिव जालसाजों के अकाउंट्स पाए गए। यह साल 2020 से ज्यादा हैं, लेकिन 2019 से कम है। 2019 में ऐसे 56,000 अकाउंट्स की पहचान की गई थी। खास बात यह है कि 2021 में पाए गए लगभग 65 फीसदी जालसाजी वाले अकाउंट्स चीन में बेस्ड थे। रूस से 14 फीसदी और तुर्की से 7.5 फीसदी ऐसे अकाउंट ऑपरेट किए जा रहे थे।
घोस्ट डाटा इटली की एनालिटिक्स फर्म है। इसकी स्थापना साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एंड्रिया स्ट्रोप्पा ने की है। वह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की डेटा एनालिस्ट कंसलटेंट भी हैं। इस फर्म के पास जालसाजों और इस्लामिक स्टेट के सपोर्टरों द्वारा सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे डिजिटल प्रोपेगेंडा का रिकॉर्ड है। मेटा के लिए ऑनलाइन कॉमर्स एक प्राथमिकता है। इसने खरीदारी करने के नए फीचर्स दिए हैं और कंपनी के रेवेन्यू को बढ़ाया है। लेकिन नकली सामान बेचने वाले यूजर्स कंपनी के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके उसके लिए परेशानी पेश करते हैं। मेटा के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि नकली और धोखाधड़ी से जुड़ी सेल ऐसी समस्या है, जो नई तकनीक के साथ हमेशा बनी रहती है। इसे रोकने और धोखेबाजों पर नकेल कसने में लिए हम हर दिन बेहतर हो रहे हैं।