अगर 90 सेकंड और मिल जाते तो बच सकती थी CDS रावत की जान, टल सकता था ये बड़ा हादसा

punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 02:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना से जुड़े अन्य अहम लोगों की मौत से पूरे देश में शोक का माहौल हौ। इस दुर्घटना में एकमात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का फिलहाल वेलिंगटन में सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस लैंडिंग के लिए सिर्फ 90 सेकंड और मिल जाते तो ये हादला टल सकता था। 

PunjabKesari

टल सकता था ये हादसा
जानकारी मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत दिल्ली से वेलिंगटन डिफेंस कॉलेज के लिए निकले थे। पहले वो कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स बेस पहुंचे और उन्होंने इंडियन एयरफोर्स के एम्ब्रेयर एयरक्राफ्ट से ये सफर पूरा किया। इसके बाद वो सुलूर से कुन्नूर के वेलिंगटन के लिए रवाना हुए, जिसके लिए उन्होंने MI-17V5 हेलीकॉप्टर को बोर्ड किया। सुलूर से वेलिंगटन का फ्लाइट डिस्टेंस 56 किलोमीटर है और आमतौर पर इसे पूरा करने के लिए करीब 34 मिनट का वक्त लगता है। जनरल रावत के हेलिकॉप्टर ने 32 मिनट की उड़ान पूरी भी कर ली थी। सबकुछ सही चल रहा था। लैंडिंग के लिए सिर्फ 90 सेकेंड का वक्त बचा था, वो अपनी डेस्टिनेशन से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर थे। उसी वक्त ये हादसा हो गया और बिपिन रावत समेत कई लोगों की मौत हो गई। कुन्नूर के जंगलों में जनरल रावत का MI 17 V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। यानी अगर 90 सेकेंड और निकल जाते, तो सीडीएस आज हमारे बीच होते। 

साल 2012 में वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ था MI-17V5 हेलीकॉप्टर
आपको बतां दे कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा भारतीय वायुसेना का दुर्घटनाग्रस्त हुआ एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर एक उन्नत सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टर है जोकि वर्ष 2012 से वायुसेना के बेड़े में शामिल है। रशियन हेलीकॉप्टर की सहायक कंपनी 'कजान' द्वारा निर्मित एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर मौसम रडार के साथ ही नवीनतम पीढ़ी के 'नाइट विजन' उपकरणों से लैस है। इसमें पीकेवी-8 स्वचालित पायलट प्रणाली की भी सुविधा है। एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर 4,000 किलोग्राम वजनी सामग्री ले जाने में सक्षम है।

भारत ने 2008 में मानवीय तथा आपदा राहत अभियानों और परिवहन कार्यों के मद्देनजर अपने हेलिकॉप्टर बेड़े को मजबूत करने के लिए 80 एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए रूस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, बाद में इनकी संख्या बढ़ाकर 151 कर दी गई थी। इन हेलीकॉप्टर की पहली खेप सितंबर 2011 में भारत पहुंची थी। भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2012 में औपचारिक रूप से एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल किया था। ये हेलीकॉप्टर कई तरह के हमलों से बचाव के लिए आत्म-रक्षा प्रणाली से भी लैस है। एमआई श्रेणी का ये हेलीकॉप्टर 250 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार पकड़ सकता है। 

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल रावत, पत्नी समेत 11 लोगों की मौत
बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 11 की मौत हो गई। भारतीय वायुसेना ने इसकी पुष्टि की है। वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘बहुत ही अफसोस के साथ अब इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।'' उसने यह भी बताया कि इस दुर्घटना में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह घायल हैं और फिलहाल सैन्य अस्पताल (वेलिंगटन) में उनका उपचार चल रहा है। वायुसेना ने कहा, ‘‘जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज के दौरे पर जा रहे थे जहां उन्हें शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करना था।'' उसने बताया कि एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर से सीडीएस और नौ अन्य यात्री तथा चालक दल के चार सदस्य सवार थे। यह हेलीकॉप्टर दोपहर के समय कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे पहले, वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना की ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' के आदेश दे दिए गए हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News