सुर मिले न मिले पर प्रशांत किशोर के सुझावों पर खुद ही अमल कर लेगी कांग्रेस !
punjabkesari.in Friday, Apr 29, 2022 - 10:58 AM (IST)
नेशनल डेस्क: भले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सुर अभी कांग्रेस के साथ न मिले हों, लेकिन कांग्रेस उनके उन सुझावों को अभी भी लागू करने की कोशिश करेगी जो उन्होंने बैठकों के दौरान हाईकमान के दिग्गज नेताओं के साथ शेयर किए थे। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 2024 के चुनावों से पहले बेहतर एनालिटिक्स और डाटा जेनरेशन पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। हाईकमान ऐसे पेशेवरों को नियुक्त कर सकती है जो चुनावों से पहले ऐसा करने में मदद कर सकें। सूत्रों का यह भी कहना है कि भले ही प्रशांत किशोर के फिलहाल कांग्रेस का काम करने का मसला टल गया हो लेकिन उनके साथ गुजरात चुनाव के बाद दोबारा बातचीत की संभावना खत्म नहीं हुई है।
क्या था किशोर की प्रेजेंटेशन में
मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक किशोर की बैठकों में हिस्सा ले चुके दो व्यक्तियों में से एक ने बताया कि उन्होंने प्रजेंटेशन में जो एक स्लाइड दिखाई गई, उसमें किशोर ने हमें बताया कि कांग्रेस ने एक ही सीट से तीन बार हारने वाले 170 उम्मीदवारों को टिकट दिया था। व्यक्ति ने कहा कि अपने राज्य के बारे में यह जान सकता हूं लेकिन यह जानकारी अब पार्टी में किसी के पास पूरे देश में भी नहीं होगी। इस व्यक्ति ने कहा कि कांग्रेस ऐसे लोगों को काम पर रखने की कोशिश करेगी जो इस तरह के डाटा के साथ उसकी मदद कर सकते हैं क्योंकि एक समान डाटाबेस बनाने में कम से कम कुछ साल लगेंगे।
पी चिदंबरम ने भी की डाटा प्रशंसा
रिपोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात की पुष्टि की कि प्रेजेंटेशन से पता चलता है कि चुनावी रणनीतिकार के पास अच्छा डाटा और विश्लेषण था। उन्होंने कहा कि कई बिंदु कार्रवाई योग्य थे और हम ऐसा करने का इरादा रखते हैं। पी चिदंबरम कहा कि मुझे उम्मीद है कि पार्टी कुछ सुधारों को लागू करेगी। मैंने केवल पीके द्वारा दिए गए कुछ सुझावों को देखा है जो सार्वजनिक डोमेन में हैं। कांग्रेस डाटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि प्रशांत किशोर समझदार लगते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से भी सहमत हूं कि पार्टी के नेताओं को डाटा का अधिक निष्पक्ष रूप से उपयोग करना चाहिए, न कि केवल चुनिंदा रूप से जब यह उनके अनुकूल हो। अन्य नेताओं का कहना है कि यह मानना गलत है कि किशोर ने कांग्रेस को ठुकरा दिया है। तृणमूल नेता और किशोर के करीबी पवन वर्मा ने कहा कि कांग्रेस को और अधिक परिवर्तन में निवेश करने की आवश्यकता थी और शायद उसे लगा कि किशोर का पार्टी में शामिल होना आवश्यक नहीं था।