कोयले की कमी से जूझ रहे बिजली उत्पादक संयंत्र, रेलवे मंत्रालय ने बताई वजह

punjabkesari.in Wednesday, Jan 26, 2022 - 11:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बिजली उत्पादक संयंत्रों को रेक आवंटन में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है उद्योग के सूत्रों ने कहा कि एलएंडटी के न्हावा और वेदांत के तलवंडी साबो बिजली संयंत्र इसी तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं। एक जानकारी के मुताबिक रेलवे के दक्षिण पूर्व मध्य क्षेत्र (एसईसीआर) की ओर से अपर्याप्त रेक आवंटन के चलते कोयले की कमी होने के कारण महाराष्ट्र में रतन इंडिया पावर लिमिटेड द्वारा संचालित बिजली संयंत्र भी बंद कर दिया गया है। हालांकि रेल मंत्रालय ने दावा किया है कि दूर के बिजली संयंत्रों को रैक आपूर्ति के लिए रेलवे के पास रोडमैप मौजूद है।

अमरावती बिजली संयंत्र में बंद हुई थी यूनिट
बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते, महाराष्ट्र में रतन इंडिया पावर लिमिटेड द्वारा संचालित अमरावती बिजली संयंत्र को रेलवे के दक्षिण पूर्व मध्य क्षेत्र एसईसीआर द्वारा अपर्याप्त रेक आवंटन के परिणामस्वरूप कोयले की कमी के कारण अपनी एक इकाई को बंद करना पड़ा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बिजली मंत्रालय ने 17 जनवरी को एक ऑफिस मेमो जारी कर रेलवे द्वारा की गई सुधारात्मक कार्रवाई का ब्योरा मांगा था क्योंकि इसी तरह की स्थिति का सामना कर रहे निजी बिजली संयंत्रों से बड़बड़ाहट तेज हो गई थी।  हॉपर रेक से उतारने यानी अनलोडिंग का समय बहुत कम लगता है, जैसे 3 घंटे प्रति रेक जिससे बेहतर टर्नअराउंड (रेक से उतारने और लादने का काम) संभव है। इसके परिणामस्वरूप, इन कम दूरी के संयंत्रों (फास्टर सर्किट के लिए) को हॉपर रेक आपूर्ति में स्वाभाविक रूप से सुधार हुआ है।

रेलवे बोला हॉपर अनलोडिंग सिस्टम नहीं
जबकि रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि अमरावती ऊर्जा संयंत्र में हॉपर अनलोडिंग सिस्टम नहीं है। रैकों की कम आपूर्ति की यह मुख्य वजह है। लंबी दूरी पर स्थित कई ताप विद्युत संयंत्रों (टीपीएस) ने इन्वेंट्री खर्च बचाने के लिए अप्रैल-जून 2021-22 के दौरान कोयले की आपूर्ति को नियंत्रित किया है। इन लंबी दूरी के टीपीएस द्वारा कोयले की आपूर्ति के नियमन के कारण बड़ी संख्या में रेलवे रेक रुक गए। बिजली की मांग बढ़ने से इनका मौजूदा स्टॉक खत्म हो गया।


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Content Writer

Anil dev

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