गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली की सुरक्षा में चूक? अगर पुलिस पता नहीं लगाती तो एक घंटे आठ मिनट बाद हो जाता विस्फोट

punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 12:27 PM (IST)

नई दिल्ली: बीते शुक्रवार को दिल्ली की गाजीपुर मंडी में आरडीएक्स-पैक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की बरामदगी के बाद दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तानी एजेंसी आईईडी को भेजने के लिए जमीनी और समुद्री ड्रग रूट का इस्तेमाल कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गाजीपुर में रखे विस्फोटक में रिमोट से नियंत्रित टाइमर को आईईडी से लैस होने के एक घंटे आठ मिनट बाद विस्फोट करने के लिए सेट किया गया था। हालांकि भारत में तस्करी कर लाए गए बमों की सही संख्या का अंदाजा किसी को नहीं है, लेकिन अकेले पंजाब पुलिस ने 20 आईईडी, 5-6 किलोग्राम आईईडी और 100 ग्रेनेड बरामद किए हैं।

ड्रग्स के पैसे से आती है आईईडी की खेप
यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों से कहा गया है कि वे पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों ज्यादा से ज्यादा आईईडी एकत्रित करें। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे संवेदनशील राज्यों में वितरण के लिए और अधिक आईईडी या टिफिन बम इकट्ठा करने के इन आतंकियों को निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार अफगानी हैरोइन और अफीम का कारोबार करने वाले सीमा पार से ड्रग तस्करों को ड्रोन और समुद्र में जाने वाले जहाजों के माध्यम से आईईडी को भारत में धकेलने का काम सौंपा गया है। रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि ड्रग्स के पैसे से आईईडी की खेप अभी भी भारत में आ रही है, जिसका मकसद एक बड़ी घटना के बाद सांप्रदायिक दहशत फैलाना है।

पुलिस मुस्तैदी न होती तो मारे जाते कई लोग
26/11 के आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान मूल के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने एनआईए को खुलासा किया था कि कैसे पाकिस्तानी आतंकी हमलों को ड्रग के पैसे से ड्रग तस्करों के साथ वित्त पोषित किया जाता था, जो अक्सर भारत में सीमा पार हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति में शामिल होते थे। तथ्य यह है कि अगर दिल्ली पुलिस की पीसीआर ने गाजीपुर मामले में तत्परता से प्रतिक्रिया नहीं दी होती, तो विस्फोट में कई बेगुनाह मारे जाते और राजधानी में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो जाता। विस्फोटक को एक स्टील टिफिन के अंदर साइकिल बियरिंग और कीलों के साथ रखा गया था, जो विस्फोट होने पर घातक छर्रों का स्रोत बन जाता।

गाजीपुर आईईडी मामले में एनएसजी ने सौंपी रिपार्ट
उधर गाजीपुर आईईडी बरामदगी के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बरामद आईईडी में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ एक टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। एक लावारिस बैग के अंदर टेप से लिपटा आईईडी मिला था। बरामद किए गए इस विस्फोटक का वजन लगभग 1.5 किलोग्राम था। यह आईईडी वहां किसने रखा था अभी इसका पता नहीं चल सका है। आरोपी का सुराग लगाने के लिए दिल्ली पुलिस गाजीपुर में जहां विस्फोटक मिला था, उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

स्लीपर सेल का किया जा रहा है इस्तेमाल
हालांकि, खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह आईईडी लगाने में स्लीपर सेल का हाथ होने की भी पूरी संभावना है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने पाया है कि गाजीपुर में टेप से लिपटे आईईडी वाले बैग को स्लीपर सेल द्वारा लगाया गया था। इसमें आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट दोनों थे और उनमें उच्च तीव्रता वाले विस्फोट की संभावना थी। यह उम्मीद है कि इस तरह के बम स्लीपर सेल के नेटवर्क के माध्यम से चुनाव वाले राज्यों में पहुंचाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में पंजाब पुलिस द्वारा विस्फोटकों की बरामदगी सिर्फ इस कड़ी का एक सिरा है। अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि हुई है, कई बार ड्रोन विस्फोटकों को गिराने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।  


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Content Writer

Anil dev

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