Sunanda Pushkar Case: सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध मौत, जवाबों का लंबा इंतजार, जानें अब तक कब, क्या हुआ?
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 05:04 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली की अदालत ने बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की लग्जरी होटल में हुई मौत मामले में बरी कर दिया। थरूर अभी तक इस मामले में जमानत पर चल रहे थे। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 498A और 306 के तहत चार्जशीट दायर की थी। जानते हैं इस मामले से जुड़े मुख्य घटनाक्रम :-
- 17 जून 2014 : सुनंदा पुष्कर लग्जरी होटल के अपने कमरे में मृत पाई गईं।
- एक जनवरी 2015 : दिल्ली पुलिस ने मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज किया।
- 22 जून 2017 : दिल्ली की अदालत ने होटल के कमरे में लगे सील को हटाने का आदेश दिया।
- 15 मई 2018 : दिल्ली पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दायर किया, कांग्रेस सासंद शशि थरूर पर पत्नी को आत्महत्या करने के लिए उकसाने और क्रूरता का आरोप लगाया।
- पांच जून 2018 : दिल्ली की अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और थरूर को समन भेजा।
- पांच जुलाई 2018 : सत्र न्यायालय से थरूर को अग्रिम जमानत मिली।
- सात जुलाई 2018 : थरूर समन के तहत अदालत के समक्ष पेश हुए, अदालत ने अग्रिम जमानत को नियमित जमानत में तब्दील किया।
- चार फरवरी 2019 : मजिस्ट्रेट की अदालत से मामला सत्र न्यायालय को भेजा क्योंकि अपराध सत्र न्यायालय में सुनवाई योग्य था।
- 24 मई 2019 : अदालत ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज की जिसमें उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छेाड़ का आरोप लगा दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट रिकॉर्ड पर लाने का अनुरोध किया था।
- 18 जुलाई 2019 : अदालत ने अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया कि वह आरोप पत्र और मामले से जुड़े दस्तावेज तीसरे पक्ष या अंजान व्यक्ति से साझा नहीं करे।
- 20 अगस्त 2019 : आरोप पत्र के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू।
- 31 अगस्त 2019 : दिल्ली ने अदालत से अनुरोध किया कि वह थरूर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अभियोजित करे या ‘वैकल्पिक' रूप से उनके खिलाफ हत्या का आरोप तय करे।
- 17 अक्टूबर 2019 : थरूर के वकील ने अभियोजन के आरोपों का जवाब देना शुरू किया। सबूतों के अभाव में थरूर के खिलाफ आरोपों को खारिज करने का अनुरोध किया।
- 12 अप्रैल 2021 : अदालत ने थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में फैसला सुरक्षित किया।
- 18 अगस्त 2021 : अदालत ने थरूर को आरोपों से मुक्त किया।