कोरोना से हुई मौतों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Mar 24, 2022 - 01:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण से मरने वालो के परिजनों के लिए सरकार ने मुआवजे का प्रावधान शुरू किया था, जिसके बाद लोग मुआवजा भी पाने लग गए थे।  इनमें कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने झूठे दावे कर मुआवजा लेना शुरू कर दिया था। ऐसे मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है।  उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र को कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों की जांच करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दी।

न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ ने कहा कि सरकार चार राज्यों... महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में पांच प्रतिशत दावों का सत्यापन कर सकती है, जहां दावों की संख्या और दर्ज की गई मृतक संख्या के बीच काफी अंतर था। शीर्ष अदालत ने उन लोगों के लिए 60 दिन की अवधि निर्धारित की, जो अनुग्रह मुआवजे के वास्ते आवेदन करने के लिए पात्र हैं और भविष्य में ऐसे आवेदन करने के लिए 90 दिन का समय निर्धारित किया। केन्द्र ने इससे पहले कोविड-19 के कारण किसी रिश्तेदार की मौत हो जाने पर प्रशासन से अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित करने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।

वहीं, उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इसका ‘‘दुरुपयोग'' किया जा सकता है और उसे लगता था कि ‘‘नैतिकता'' का स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता। उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) के सदस्य सचिव के साथ समन्वय करने के लिए एक समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त करें, ताकि मुआवजे का भुगतान किया जा सके।

अनुग्रह राशि का वितरण नहीं करने से नाराज शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को भी फटकार लगाई थी। उसने कहा था कि राज्य को कोविड-19 के कारण मारे गए लोगों के परिजन को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने से केवल इस आधार पर इनकार नहीं करना चाहिए कि मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना वायरस को मौत का कारण नहीं बताया गया है। अदालत ने कहा था कि कोविड-19 की वजह से मौत की पुष्टि होने और आवेदन जमा करने के 30 दिन के भीतर मुआवजा वितरित किया जाए। 


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Content Writer

Anil dev

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